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सौरव गांगुली के साथ हो गया 'खेला'! बंगाल-कर्नाटक से गजब सियासी कनेक्शन

Sourav Ganguly And New BCCI President Election: सौरव गांगुली की बीसीसीआई अध्यक्ष पद से विदाई तय हो गई है। और उनकी जगह कर्नाटक स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष और 1983 की विश्व कप विजेता टीम के सदस्य रोजर बिन्नी जगह ले सकते है। और अब इस फैसले को लेकर सियासी घमासान भी शुरू हो गया है।

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सौरव गांगुली पर शुरू हुई राजनीति

मुख्य बातें
  • तृणमूल कांग्रेस ने भाजपा पर सौरव गांगुली को अपमानित करने की कोशिश करने का आरोप लगाया है।
  • बंगाल विधान सभा चुनाव के पहले सौरव गांगुली के भाजपा में शामिल होने की काफी चर्चा थी।
  • हालांकि भाजपा ने तृणमूल कांग्रेस के आरोपों को खारिज कर दिया है।

Sourav Ganguly And New BCCI President Election: वैसे तो क्रिकेट एक खेल है, लेकिन भारत में क्रिकेट और राजनीति का हमेशा से 'खेला' चलता रहता है। नया खेला सौरव गांगुली (Sourav Ganguly) को लेकर है, जिसमें यह करीब-करीब तय हो गया है कि सौरव गांगुली की बीसीसीआई (BCCI) अध्यक्ष पद से विदाई हो जाएगी। और उनकी जगह कर्नाटक के रहने वाले और 1983 की विश्व कप विजेता टीम के सदस्य रोजर बिन्नी (Roger Binni) लेंगे। सौरभ गांगुली 2019 में बीसीसीआई के अध्यक्ष बने थे। यह एक संयोग ही है कि मई 2019 में लोक सभा चुनावों के बाद अक्टूबर में सौरव गांगुली बीसीसीआई अध्यक्ष बने थे और 2021 में बंगाल विधान सभा चुनाव के दौरान उनके भाजपा (BJP)में शामिल होने की खूब चर्चा रही। और अब कर्नाटक से बीसीसीआई को नया अध्यक्ष मिलेगा, जहां पर अगले 7-8 महीने (2023) में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं।

तृणमूल कांग्रेस और भाजपा आमने-सामने

इसलिए सौरव गांगुली की जगह रोजर बिन्नी को बीसीसीआई अध्यक्ष बनान जाने की खबरों पर राजनीति भी शुरू हो गई है। गांगुली के गृह राज्य की पार्टी तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने भाजपा पर पूर्व भारतीय क्रिकेट कप्तान को 'अपमानित करने की कोशिश' करने का आरोप लगाया है। उसका कहना है कि भाजपा ने ऐसा इसलिए क्योंकि वह गांगुली को पार्टी में शामिल नहीं कर पाई। तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा कि भाजपा ने पिछले साल के विधानसभा चुनाव से पहले लोगों के बीच यह संदेश फैलाने की कोशिश की थी कि राज्य में बेहद लोकप्रिय गांगुली पार्टी में शामिल होंगे।टीएमसी ने यह भी दावा किया कि यह 'राजनीतिक प्रतिशोध' का एक उदाहरण है कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बेटे जय शाह दूसरे कार्यकाल के लिए बीसीसीआई के सचिव पद पर बने रह सकते हैं लेकिन गांगुली अध्यक्ष पद पर ऐसा नहीं कर सकते।

असल में तृणमूल कांग्रेस भाजपा पर इसलिए इस तरह के आरोप इसलिए लगा रही है, कि सौरव गांगुली की भाजपा से करीबी जग जाहिर है। उनके गृह मंत्री अमित शाह के बेटे और बीसीसीआई के सचिव जय शाह से अच्छे संबंध रहे हैं । इसके अलावा खुद गृह मंत्री अमित शाह बीते मई बंगाल दौर के दौरान सौरव गांगुली के घर गए थे और उनके परिवार के साथ डिनर किया था। इस बीच ऐसी चर्चा है बंगाल से भाजपा गांगुली परिवार के किसी करीबी को राज्य सभा भेज सकती है।

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