दक्षिण एशिया का सबसे बड़ा समुद्री विचार नेतृत्व शिखर सम्मेलन दिल्ली में शुरू, वैश्विक समुद्री सहयोग को बढ़ावा देना उद्देश्य

समुद्री क्षेत्र में सहयोग को ओर गहरा करने के उद्देश्य से भारत के बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्री ने सागरमंथन के मौके पर ग्रीस के समुद्री मामलों और द्वीपीय नीति मंत्री के साथ द्विपक्षीय वार्ता की।

दक्षिण एशिया का सबसे बड़ा समुद्री विचार नेतृत्व शिखर सम्मेलन दिल्ली में शुरू हुआ

नई दिल्ली: सागरमंथन - द ग्रेट ओसियंस डायलॉग, दक्षिण एशिया का सबसे बड़ा समुद्री विचार नेतृत्व शिखर सम्मेलन, आज यहां दिल्ली में शुरू हुआ। उद्घाटन सत्र को केंद्रीय बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्री (MoPSW), सर्बानंद सोनोवाल, ग्रीस के समुद्री मामलों और द्वीपीय नीति मंत्री क्रिस्टोस स्टाइलियानाइड्स, मालदीव के मत्स्य पालन और महासागर संसाधन राज्य मंत्री डॉ अमजथ अहमद, अर्जेंटीना के रियो नीग्रो प्रांत की राष्ट्रीय प्रतिनिधि मारिया लोरेना विलावेर्डे, MoPSW के सचिव, टी.के.रामचंद्रन के साथ ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन (ओआरएफ) के अध्यक्ष समीर सरन ने संबोधित किया। समारोह में समुद्री क्षेत्र के सैकड़ों प्रतिनिधियों के साथ 61 देशों के प्रतिनिधियों की उपस्थिति रही।

भारत सरकार का बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्रालय (MoPSW), ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन के सहयोग से, दो दिवसीय कार्यक्रम, सागर मंथन: द ग्रेट ओशन्स डायलॉग का आयोजन कर रहा है। यह पहल वैश्विक नीति निर्माताओं, समुद्री विशेषज्ञों, उद्योग जगत के नेताओं और विद्वानों को टिकाऊ और नवीन समुद्री प्रथाओं को आगे बढ़ाने पर विचार-विमर्श करने के लिए एक साथ लाती है।

उद्घाटन सत्र में बोलते हुए, केंद्रीय मंत्री, सर्बानंद सोनोवाल कहा, “भारत का मैरीटाइम विजन 2047 स्थिरता को बढ़ावा देने, कनेक्टिविटी बढ़ाने और प्रौद्योगिकी का लाभ उठाकर समुद्री क्षेत्र को बदलने का एक रोडमैप है। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी जी के दूरदर्शी नेतृत्व में सागरमाला और समुद्री अमृत काल विजन जैसी पहलों के माध्यम से हमारे मंत्रालय ने भारत को वैश्विक समुद्री व्यापार में अग्रणी बनाने, 2047 तक विकसित भारत के अपने लक्ष्य को प्राप्त करने का लक्ष्य रख रहा है। हमारा उद्देश्य भारत के समुद्री क्षेत्र में क्रांति लाने के अलावा निवेश, बंदरगाह क्षमता, शिपिंग, जहाज निर्माण अंतर्देशीय जलमार्ग को बढ़ाने के लिए 80 लाख करोड़ रुपए के निवेश की योजना है । मंत्रालय कि प्रमुख परियोजनाओं में केरल में विझिंजम अंतर्राष्ट्रीय बंदरगाह, महाराष्ट्र में वधावन में नए मेगा बंदरगाह और निकोबार में गैलाथिया खाड़ी शामिल हैं। 2047 तक, भारत ने भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारा (आईएमईईसी) और अंतर्राष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारा जैसी पहलों के माध्यम से रणनीतिक व्यापार मार्गों का लाभ उठाते हुए, प्रति वर्ष 10,000 मिलियन मीट्रिक टन की बंदरगाह प्रबंधन क्षमता का लक्ष्य रखा है। अपनी जहाज निर्माण विरासत को पुनर्जीवित करते हुए, भारत भविष्य के स्थिरता लक्ष्यों को पूरा करने के लिए स्वच्छ ईंधन जहाज निर्माण को आगे बढ़ाते हुए लोथल में राष्ट्रीय समुद्री विरासत परिसर का निर्माण कर रहा है।

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