मुलायम सिंह यादव का लंबी बीमारी के बाद निधन, गुरुग्राम के मेदांता अस्पाल में ली आखिरी सांस

Mulayam Singh Yadav: मुलायम सिंह यादव साल 1967 में पहली बार इटावा की जसवंत नगर सीट से विधायक बनकर यूपी विधानसभा पहुंचे। इसके बाद साल 1975 में इमरजेंसी के दौरान मुलायम सिंह यादव को गिरफ्तार कर लिया गया और वह करीब 19 महीनों तक हिरासत में रहे। 1977 में उन्हें राज्य मंत्री बनाया गया। 1980 में वे यूपी में लोक दल के अध्यक्ष बने, जिसे बाद में जनता दल में मिला दिया गया।

Mulayam Death

मुलायम का निधन

मुख्य बातें
  1. मुलायम सिंह यादव का लंबी बीमारी के बाद निधन
  2. 82 साल की उम्र में गुरुग्राम के मेदांता अस्पाल में ली आखिरी सांस
  3. तीन बार यूपी के मुख्यमंत्री रहे हैं मुलायम सिंह यादव

Mulayam Singh Yadav Death: समाजवादी पार्टी के संस्थापक, यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व रक्षा मंत्री मुलायम सिंह यादव का आज गुरुग्राम के मेदांता अस्पातल (Medanta Hospital) में निधन हो गया। वह 82 साल के थे और पिछले काफी समय से बीमार थे। मुलायम सिंह यादव का जन्म 22 नवंबर 1939 को यूपी के इटावा जिले के सैफई गांव (Saifai ) में हुआ था। नेताजी के नाम से मशहूर मुलायम सिंह यादव ने शुरुआत में पहलवान बनने का सपना देखा था, लेकिन बाद में उन्होंने आगरा यूनिवर्सिटी में पॉलिटिकल साइंस की पढ़ाई करते हुए अपना लक्ष्य बदल लिया।

मुलायम सिंह यादव का लंबी बीमारी के बाद निधन

मुलायम सिंह यादव जब सिर्फ 15 साल के थे तो उन्होंने राम मनोहर लोहिया के कामों को पढ़ा और फिर वह राजनीति में शामिल हो गए। इसके बाद उन्होंने कभी भी पीछे मुड़कर नहीं देखा और वह यूपी के साथ-साथ देश के प्रमुख राजनेताओं में से एक बन गए। सत्ता की राजनीति करने के लिए तमाम आलोचनाओं के बावजूद वह हमेशा अपने गृह राज्य उत्तर प्रदेश में जनता के नेता रहे हैं।

मुलायम सिंह यादव साल 1967 में पहली बार इटावा की जसवंत नगर सीट से विधायक बनकर यूपी विधानसभा पहुंचे। इसके बाद साल 1975 में इमरजेंसी के दौरान मुलायम सिंह यादव को गिरफ्तार कर लिया गया और वह करीब 19 महीनों तक हिरासत में रहे। 1977 में उन्हें राज्य मंत्री बनाया गया। 1980 में वे यूपी में लोक दल के अध्यक्ष बने, जिसे बाद में जनता दल में मिला दिया गया।

तीन बार यूपी के मुख्यमंत्री रहे हैं मुलायम सिंह यादव

1982 से 1985 तक उन्होंने यूपी विधान परिषद में विपक्ष के नेता के रूप में काम किया। साल 1989 में मुलायम सिंह यादव पहली बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने। इसके बाद मुलायम सिंह यादव ने 4 अक्टूबर 1992 को समाजवादी पार्टी की स्थापना की थी। साल 1993 में मुलायम सिंह यादव दूसरी बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने। साल 1996 वह उत्तर प्रदेश के मैनपुरी सीट से लोकसभा के लिए चुने गए। उन्होंने 1996 से 1998 तक संयुक्त मोर्चा सरकार के तहत भारत के रक्षा मंत्री के रूप में कार्य किया। साल 2003 में वह तीसरी बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने।

मुलायम सिंह यादव ने दो शादियां की हैं। उन्होंने पहली शादी मालती देवी से की। पहली पत्नी से मुलायम सिंह यादव से एक बेटा अखिलेश यादव है। अखिलेश यादव का जन्म 1973 में हुआ था। मुलायम सिंह यादव की पहली पत्नी मालती देवी का मई 2003 में निधन हो गया था। मुलायम सिंह यादव का उनकी दूसरी पत्नी साधना यादव से एक और बेटा प्रतीक यादव है। प्रतीक यादव का जन्म 1988 में हुआ था और वह रियल एस्टेट के कारोबार में हैं। मुलायम सिंह यादव ने फरवरी 2007 में सुप्रीम कोर्ट में अपनी दूसरी शादी को स्वीकार किया।

एक मंत्री के रूप में उन्होंने हमेशा सुनिश्चित किया कि पिछड़े समुदायों को सहकारी संस्थानों में आरक्षण मिले, साथ ही उनके लिए सक्रिय रूप से काम किया और उनकी सुरक्षा और कल्याण की लड़ाई में नौ बार जेल भी गए। 1977 में सहकारिता और पशुपालन मंत्री रहते हुए उन्होंने अनुसूचित जाति सहकारी संस्थाओं के लिए आरक्षण सुनिश्चित किया।

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