आजम खान पर 87 से ज्यादा केस,27 माह रह चुके हैं जेल,जमीन कब्जा करने-किताब चुराने तक के आरोप
Azam Khan Convicted in Hate Speech Case: एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) की रिपोर्ट के अनुसार आजम खान ने साल 2022 में उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान जो हलफनामा दायर किया था, उसके अनुसार उस समय तक उन पर 87 क्रिमिनल केस दर्ज थे। इसके अलावा बीते अगस्त में भी 2 केस दर्ज हुए हैं।
- आजम खान यूपी की राजनीति में प्रमुख मुस्लिम चेहरा रहे हैं।
- वह 10 बार विधानसभा चुनाव जीत चुके हैं।
- आजम खान के अलावा उनकी पत्नी और लड़के भी जेल जा चुके हैं।
क्या है हेट स्पीच मामला (Hate Speech Case)
आजम खान पर साल 2019 में लोकसभा चुनाव के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और तत्कालीन रामपुर के DM आंजनेय कुमार सिंह के खिलाफ अमर्यादित टिप्पणी करने का आरोप है। यह बयान उन्होंने थाना क्षेत्र मिलक में एक जनसभा के दौरान दिया था। जिसे देखते हुए उनके खिलाफ अप्रैल 2019 में रामपुर में केस दर्ज कराया गया था। 21 अक्टूबर को हुई पिछली सुनवाई के लिए आजम खान MP/MLA कोर्ट में पेशी पर नहीं पहुंचे थे, इसलिए इस मामले में अंतिम फैसला नहीं हो सका था। और अब उन्हें दोषी ठहराया गया है।
आजम खान पर 87 से ज्यादा क्रिमिनल केस
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) की रिपोर्ट के अनुसार आजम खान ने साल 2022 में उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान जो हलफनामा दायर किया था, उसके अनुसार उस समय तक उन पर 87 क्रिमिनल केस दर्ज थे। इनमें किसानों की जमीन जबरन हथियाने से लेकर किताबें चुराने, मारपीट करने, बकरी और भैंस चुराने तक के मुकदमे दर्ज किए गए थे। इसके अलावा बीते अगस्त में 2 केस दर्ज कराए गए थे।
27 महीने आजम खान जेल में काट चुके हैं सजा
फर्जी पैन कार्ड और पासपोर्ट बनवाने के मामले में 26 फरवरी 2020 को आजम खान, उनकी पत्नी तजीन फातिमा और बेटे अब्दुल्ला आजम ने रामपुर की अदालत में आत्मसमर्पण किया था। करीब दस महीने जेल में रहने के बाद 20 दिसंबर 2020 को आजम खान की पत्नी को जमानत मिल गई थी। जबकि 2 महीने बाद बेटे अब्दुल्ला आजम को जमानत मिली। वहीं आजम खान को करीब 27 महीने बाद सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत मिली थी। और वह मई 2022 को जेल से रिहा हुए।
यूपी राजनीति का प्रमुख मुस्लिम चेहरा
आजम खान यूपी की राजनीति में प्रमुख मुस्लिम चेहरा रहे हैं। रामपुर में उनका और उनके परिवार का हमेशा सियासी वर्चस्व रहा है। इसी का परिणाम है कि जिस रामपुर में उनके खिलाफ भ्रष्टाचार और दूसरे मामले को लेकर 80 से ज्यादा मुकदमें दर्ज हुए और उन्हें जेल जाना पड़ा। उसके बावजूद भी 2022 के विधानसभा चुनाव में न केवल वह जीतें बल्कि उनके बेटे अब्दुल्ला खां ने भी जीत हासिल की। 2022 की जीत के साथ आजम खान ने 10 वीं बार विधानसभा चुनाव जीता। हालांकि जून में हुएए लोक सभा उप चुनाव में सपा नेता की हार से रामपुर में आजम खान के रसूख को झटका भी लगा। समाजवादी पार्टी से भाजपा में आए में घनाश्याम लोधी ने आजम खान के करीबी आसिम रजा को 42 हजार से ज्यादा वोटों से हरा दिया था।
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