'योगी जी चाहें कुछ भी कहें, हम ज्ञानवापी को मस्जिद ही मानेंगे', अपने स्टैंड पर कायम मुस्लिम सांसद, पक्षकार

Gyanvapi Masjid News: समाचार एजेंसी एएनआई की संपादक स्मिता प्रकाश के साथ खास बातचीत में सीएम योगी ने कहा कि 'ज्ञानवापी मस्जिद की दीवारें चीख-चीख के कह रही हैं। ज्ञानवापी को अगर मस्जिद कहेंगे तो विवाद होगा। त्रिशूल मस्जिद के भीतर क्या कर रहा है। इसे हमने तो नहीं रखा। वहां ज्योतिर्लिंग है, देव प्रतिमाएं हैं।

Gyanvapi Masjid : ज्ञानवापी मस्जिद पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बयान ने इस पर नए सिरे से चर्चा छेड़ दी है। सीएम योगी के बयान पर राजनीतिक प्रतिक्रियाएं भी आने लगी हैं। समाजवादी पार्टी (SP) के सांसदों शफीकुर्रहमान बर्क एवं एसटी हसन दोनों नेताओं ने कहा है कि हमें दोनों समुदायों में दरार पैदा करने वाली बातों से बचना चाहिए। शफीकुर्रहमान बर्क ने कहा कि वह ज्ञानवापी को मस्जिद ही मानेंगे। ज्ञानवापी मामले में मुस्लिम पक्षकार मुख्तार अहमद अंसारी ने कहा कि यह मामला कोर्ट में ऐसे में सीएम को इस तरह का बयान देने से बचना चाहिए। सीएम को अगर कुछ कहना है तो कोर्ट में अपने वकील के माध्यम से कहें। ज्ञानवापी के अंदर नहीं बल्कि बाहरी दीवारों पर प्रतीक और चिन्ह हैं।

'ज्ञानवापी को अगर मस्जिद कहेंगे तो विवाद होगा'

समाचार एजेंसी एएनआई की संपादक स्मिता प्रकाश के साथ खास बातचीत में सीएम योगी ने कहा कि 'ज्ञानवापी मस्जिद की दीवारें चीख-चीख के कह रही हैं। ज्ञानवापी को अगर मस्जिद कहेंगे तो विवाद होगा। त्रिशूल मस्जिद के भीतर क्या कर रहा है। इसे हमने तो नहीं रखा। वहां ज्योतिर्लिंग है, देव प्रतिमाएं हैं। मेरा मानना है कि प्रस्ताव मुस्लिम समाज से आना चाहिए कि इतिहास में गलती हुई है उसका हम समाधान चाहते हैं।'

'हम ज्ञानवापी को मस्जिद ही मानेंगे'

सीएम के इस बयान पर संभल सीट से सपा सांसद शफीकुर्रहमान बर्क ने कहा कि 'जब से दुनिया बनी है वहां से कोई आदेश आ गया क्या? हम सब अल्लाह ताला के बनाए हुए हैं। सभी को एक दूसरे की इज्जत करनी चाहिए। हमने कब कहा कि ज्ञानवापी में मिला त्रिशूल हमारा है। यह तो आप कहते हैं कि वहां त्रिशूल मिला है। योगी जी कुछ भी कहते रहें। हम ज्ञानवापी को मस्जिद ही मानेंगे।'

दरार पैदा करने से बचना चाहिए-एसटी हसन

एतिहासिक गलती सुधारने वाले सीएम योगी के बयान पर मुरादाबाद से सपा सांसद एसटी हसन ने कहा कि 'इतिहास में तो बहुत बड़ी-बड़ी गलतियां हुई हैं। तीन चार हजार साल पहले मध्य एशिया से कौन लोग आए थे। उनकी गलतियों को भी सुधारा जाना चाहिए। मुगलों से पहले, मुगलों और अंग्रेजों के समय क्या हुआ, ये सब तब की बातें हैं जब देश का संविधान और लोकतंत्र नहीं था। हमें दो समुदायों के बीच दरार पैदा करने से बचना चाहिए।'

सर्वे पर तीन अगस्त को आएगा कोर्ट का फैसला

ज्ञानवापी परिसर के वैज्ञानिक सर्वे मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने गुरुवार को सुनवाई पूरी कर ली। करीब पौने पांच बजे सुनवाई पूरी होने पर उन्होंने कहा कि तीन अगस्त को फैसला सुनाया जाएगा। तब तक सर्वे पर रोक लगी रहेगी। इससे पहले मंदिर व मस्जिद पक्ष ने जमकर बहस की। विधिक तथ्यों संग ऐतिहासिक तथ्य रखे गए। भारतीय पुरातत्व सर्वे व राज्य सरकार ने अपना पक्ष रखा। मंदिर पक्ष के अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने बताया कि मंदिर शिखर को गुंबद से और ज्योतिलिंग को नए निर्माण से ढांका गया है।

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आलोक कुमार राव author

करीब 20 सालों से पत्रकारिता के पेशे में काम करते हुए प्रिंट, एजेंसी, टेलीविजन, डिजिटल के अनुभव ने समाचारों की एक अंतर्दृष्टि और समझ विकसित की है। इ...और देखें

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