'पहलवान' से 'नेता जी' बने मुलायम सिंह यादव कभी साइकिल पर घूम-घूम करते थे प्रचार, चंदा मांग लड़ा था पहला चुनाव
Mulayam Singh Yadav's Health Updates: अस्पताल के सूत्रों ने कहा कि कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉ. नितिन सूद और डॉ. सुशील कटारिया की निगरानी में 82 साल के सिंह का इलाज कर रहे हैं। वहीं, सपा की उत्तर प्रदेश इकाई के प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने कहा कि सिंह के परिवार के सदस्य गुरुग्राम पहुंचे।
सिंह सियासी अखाड़े (पॉलिटिक्स) में कूदने से पहले जाने-माने बॉडी बिल्डर थे। उनके समर्थक उन्हें पहलवान कह कर पुकारा करते थे। बाद में उनके बेटे प्रतीक (दूसरी पत्नी साधना गुप्ता से हुए) ने अपनी पहचान भी बॉडी बिल्डर के रूप में बनाई, जो इंटरनेशनल ट्रांसफॉर्मेशन ऑफ दि मंथ (सितंबर 2012) में फीचर हुए थे।
उन्होंने एक दफा पिता से मिले फिटनेस मंत्र का जिक्र करते हुए बताया था- पापा का फिटनेस को बयान करने का अपना तरीका और अंदाज है। किसी भी व्यक्ति का सीना बाहर होना चाहिए, न कि पेट। ऐसे ही उनके कुछ टिप्स थे।
मुलायम भले ही सपा संरक्षक हों, पर कम ही लोग जानते हैं कि कभी वह खुद साइकिल पर घूम-घूम कर पार्टी के लिए प्रचार किया करते थे। यही नहीं, यह भी बताया जाता है कि संघर्ष के दिनों में जब उनकी माली हालत ठीक नहीं थी तो उन्होंने चंदा जुटाकर अपना पहला चुनाव लड़ा था।
मुलायम सियासी गलियारों में घुटे हुए राजनीतिज्ञ भी कहलाते हैं। ऐसा इसलिए, क्योंकि वह अपने सियासी प्रबंधन के चलते 2012 में कन्नौज से बहू डिंपल को 'जीत (निर्विरोध) दिला' सके थे। उनकी धुर विरोधी बसपा चीफ मायावती ने भी तब अपना कैंडिडेट नहीं खड़ा किया था।
मुलायम समाजवादी नेता राजनारायण को काफी मानते थे, जिन्होंने इंदिरा गांधी को 1977 के लोक सभा चुनाव में राय बरेली सीट से हरा दिया था। राम मनोहर लोहिया की छवि, काम और राजनीति का भी सिंह पर खासा असर रहा।
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