40 साल बाद 2024 में अंतरिक्ष में जाएगा कोई भारतीय, NASA की मदद से ISRO करेगा कमाल
Space Mission Of India: चंद्र मिशन चंद्रयान-3 की ऐतिहासिक सफलता के बाद से भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी काफी उत्साहित है। इसरो अपने दम पर भारतीय को अंतरिक्ष में भेजने की तैयारी कर रहा है। 40 साल पहले रूस की मदद से राकेश शर्मा ने अंतरिक्ष की यात्रा की थी।
एक बार फिर किसी भारतीय को अंतरिक्ष में भेजने की तैयारी (तस्वीर- commons.wikimedia)
Space Mission Of India: चंद्र मिशन चंद्रयान-3 की ऐतिहासिक सफलता के बाद से दुनिया भर में इसरो और भारत की प्रतिष्ठा काफी बढ़ी है। दुनिया के कई देश भारत के साथ अंतरिक्ष मिशन पर काम करने को इच्छुक हैं। इसी बीच देश के एक और अच्छी खबर है कि पहले भारतीय नागरिक द्वारा अंतरिक्ष यात्रा का नेतृत्व करने के करीब 40 साल बाद एक और भारतीय अंतरिक्ष यात्री को स्पेस में भेजा जाएगा। अमेरिकी स्पेश एजेंसी नासा ने कहा कि 2024 के अंत तक एक और भारतीय को अंतररष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन भेजा जाएगा।
नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (NASA) के एमिनिस्ट्रेटर बिल नेल्सन ने कहा कि अमेरिका एक भारतीय अंतरिक्ष यात्री को प्रशिक्षित करने और आईएसएस पर भेजने में मदद करेगा। अंतरिक्ष यात्री का चयन इसरो द्वारा किया जाएगा। नासा इसका हिस्सा नहीं होगा। इसरो द्वारा मिशन के डिटेल पर काम किया जा रहा है।
अब तक केवल एक भारतीय नागरिक ने अंतरिक्ष की यात्रा की है। हालांकि भारतीय मूल के कई अंतरिक्ष यात्रियों ने अंतरिक्ष में कदम रखा है। भारतीय वायु सेना के पूर्व पायलट विंग कमांडर राकेश शर्मा ने सोवियत इंटरकोस्मोस कार्यक्रम के हिस्से के रूप में 3 अप्रैल 1984 को सोयुज टी-11 पर उड़ान भरी थी। वह अंतरिक्ष में यात्रा करने वाले एकमात्र भारतीय नागरिक हैं।
बिल नेल्सन ने भारत-अमेरिका अंतरिक्ष सहयोग को बढ़ाने के लिए भारत की अपनी मल्टी सिटी यात्रा पर यह टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि भारत अमेरिका के लिए एक महान भागीदार है और अंतरिक्ष में अंतरिक्ष यात्रियों की गतिविधियों के लिए एक महान भविष्य का भागीदार भी है। अमेरिका अगले साल चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर कई निजी लैंडर लॉन्च करेगा। लेकिन यह तथ्य कि भारत वहां पहुंचने वाला पहला देश था, बधाई का पात्र है।
नेल्सन ने एक उच्च स्तरीय अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया जिसने अंतरिक्ष मंत्री जितेंद्र सिंह से मुलाकात की और उन्हें चंद्रयान -3 लैंडिंग के लिए बधाई दी। वह अंतरिक्ष में कदम रखने वाले भारत के पहले अंतरिक्ष यात्री राकेश शर्मा से भी मुलाकात करेंगे। इस बीच भारत अपना स्वयं का अंतरिक्ष स्टेशन स्थापित करने करना चाहता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसरो को 2035 तक 'भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन' के निर्माण का लक्ष्य रखने का निर्देश दिया है। इसके अलावा भारत का लक्ष्य 2040 तक चंद्रमा पर मानव को भेजने का लक्ष्य है।
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