भारत के आर्थिक विकास को दिखाने के लिए स्पेन के अखबार ने लिया सपेरे का सहारा, फिर मिला ये जवाब

Indian Economy: जेरोधा के संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी नितिन कामथ ने ट्विटर पर इसे शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा कि ये अच्छा है कि दुनिया भारतीय अर्थव्यवस्था पर ध्यान दे रही है, लेकिन सपेरे की मदद से इसे दिखाना भारत का अपमान है।

La Vanguardia

भारत के आर्थिक विकास को दिखाने के लिए स्पेन के अखबार ने लिया सपेरे का सहारा।

मुख्य बातें
  1. भारत के आर्थिक विकास को दिखाने के लिए स्पेन के अखबार ने लिया सपेरे का सहारा
  2. लोगों ने अखबार के खिलाफ जताई नाराजगी
  3. पूरी दुनिया में हो रही भारत की बढ़ती अर्थव्यवस्था की चर्चा

Indian Economy: पूरी दुनिया में इस समय भारत की बढ़ती अर्थव्यवस्था की चर्चा है। वहीं इस बीच स्पेन के एक अखबार ला वैनगार्डिया (La Vanguardia) में छपे एक आर्टिकल पर विवाद खड़ा हो गया है। दरअसल अखबार ने अपने फ्रंट पेज पर भारत की बढ़ती अर्थव्यवस्था के ग्राफ के जरिए दिखाने की कोशिश की है, लेकिन ग्राफ में जिस फोटो का इस्तेमाल किया गया है, उससे लोगों को आपत्ति है। अखबार ने 9 अक्टूबर को अपने फ्रंट पेज पर ग्राफ में बीन बजाते हुए सपेरे को दिखाया, जिसमें सपेरे की टोकरी से एक सांप ग्राफ पर ऊपर बढ़ता हुआ दिखाई दे रहा है।

स्पेन के अखबार ने किया भारत का अपमान

वहीं जेरोधा के संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी नितिन कामथ ने ट्विटर पर इसे शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा कि ये अच्छा है कि दुनिया भारतीय अर्थव्यवस्था पर ध्यान दे रही है, लेकिन सपेरे की मदद से इसे दिखाना भारत का अपमान है।

लोगों ने अखबार के खिलाफ जताई नाराजगी

प्रीतिश नंदी ने भी इस घटना पर ध्यान दिया और इस मामले पर उनका दिलचस्प रुख था। उन्होंने कहा कि कुछ भी अपमान नहीं है, सपेरा जादू के दुनिया के सबसे स्थायी प्रतीकों में से एक है। ला वेंगार्डिया भारत को जादुई के रूप में देखता है। वहीं बेंगलुरु सेंट्रल से बीजेपी सांसद पीसी मोहन ने ट्विटर पर इसकी फोटो शेयर करते हुए लिखा कि "The hour of the Indian economy"स्पेन के वीकली अखबार की टॉप स्टोरी है। साथ ही कहा कि विदेशी सोच को बदलना काफी मुश्किल काम है।

वैसे ये पहली बार नहीं है जब पश्चिमी देशों की मीडिया ने भारत का इस तरह से अपमान किया हो। इससे पहले भी कई बार वह ऐसा करते रहे हैं। इसरो की सफलताओं पर भी इस तरह की खबरें देखने को मिलती रही हैं। 11 अक्टूबर को अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष ने साल 2022 में भारत की आर्थिक वृद्धि को 6.1 फीसदी पर अनुमानित किया, जो दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में सबसे अधिक है। आईएमएफ की प्रबंध निदेशक क्रिस्टालिना जॉर्जीवा ने गुरुवार को भारत के आर्थिक विकास की सराहना की।

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दीपक पोखरिया author

पहाड़ से हूं, इसलिए घूमने फिरने का शौक है। दिल्ली-नोएडा से ज्यादा उत्तराखंड में ही मन लगता है। कई मीडिया संस्थानों से मेरी करियर यात्रा गुजरी है और मई...और देखें

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