नाग पंचमी पर 'चंद्रयान-3 मिशन' की सफलता के लिए 'क्षीर अभिषेकम', इसरो के नाम पर विशेष पूजा
कुक्के सुब्रमण्यम प्रसिद्ध और बहुत प्रतिष्ठित हिंदू मंदिर है, जो नाग देवता को समर्पित है। तीर्थस्थल पर प्रतिदिन हजारों श्रद्धालु आते हैं।
चंद्रयान-3 के लिए विशेष पूजा
Special Puja for Chandrayaan-3: कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़ जिले में प्रसिद्ध श्रीकुक्के श्री सुब्रमण्यम मंदिर में सोमवार को नाग पंचमी उत्सव पर चंद्रयान-3 मिशन की सफलता के लिए विशेष पूजा की गई। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के नाम पर विशेष पूजा की गई। मंदिर प्रबंधन ने 'कार्तिक पूजा', 'महा पूजा' की। चंद्रयान-3 मिशन की सफलता के लिए विशेष 'क्षीर अभिषेकम' (मूर्ति पर दूध डालकर भगवान को अर्पित करना) किया गया।
कुक्के सुब्रमण्यम मंदिर
कुक्के सुब्रमण्यम प्रसिद्ध और बहुत प्रतिष्ठित हिंदू मंदिर है, जो नाग देवता को समर्पित है। तीर्थस्थल पर प्रतिदिन हजारों श्रद्धालु आते हैं। दरअसल, भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी ने पिछले गुरुवार की दोपहर को मुख्य अंतरिक्ष यान चंद्रयान-3 से लैंडर को सफलतापूर्वक अलग कर दिया। चंद्रयान-3 अंतरिक्ष यान में एक प्रोपल्शन मॉड्यूल (वजन 2,148 किलोग्राम), एक लैंडर (1,723.89 किलोग्राम) और एक रोवर (26 किलोग्राम) शामिल है।
लैंडर मॉड्यूल को प्रोपल्शन मॉड्यूल से अलग किया
इसरो ने एक ट्वीट में बताया था- लैंडर मॉड्यूल (एलएम) को प्रोपल्शन मॉड्यूल (पीएम) से सफलतापूर्वक अलग कर दिया गया है। करीब 600 करोड़ रुपये की लागत वाले भारत के तीसरे चंद्र मिशन का मुख्य उद्देश्य लैंडर को चंद्रमा पर उतारना है। इससे पहले भारत का चंद्रयान-2 मिशन विफल हो गया था, क्योंकि 'विक्रम' लैंडर चंद्रमा पर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था।
इसरो के मुताबिक, लैंडर के 23 अगस्त को शाम 6.04 बजे चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास सॉफ्ट लैंडिंग करने की उम्मीद है। लैंडर लगभग 100 किमी की ऊंचाई से चंद्रमा पर उतरेगा। चंद्रयान-3 को 14 जुलाई को भारत के हेवी लिफ्ट रॉकेट एलवीएम-3 ने कक्षा में स्थापित किया गया था। अंतरिक्ष यान ने पृथ्वी की परिक्रमा पूरी की और 1 अगस्त को चंद्रमा की यात्रा पर निकल गया। (आईएएनएस)
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