संसद का विशेष सत्र आज से शुरू, मंगलवार को नए भवन में होगी एंट्री; 8 विधेयकों पर सरकार का फोकस, विपक्ष भी तैयार
संसद के इस पांच दिवसीय सत्र के दौरान सरकार चौंका भी सकती है। विपक्ष को भी इस बात की आशंका है। सत्र के शुरू होने से पहले इस बात को लेकर चर्चा जोरों पर है कि क्या सरकार इस दौरान कुछ चौंकाने वाली चीजें पेश करेगी। इ
संसद का विशेष सत्र आज से शुरू हो रहा है। इस दौरान मोदी सरकार एक और इतिहास बनाने के करीब है। इसी संसद सत्र के दौरान नए संसद भवन में भी एंट्री होगी। जो अपने आप में नए भारत का एक अलग इतिहास होगा। संसद के इस विशेष सत्र के दौरान 8 विधेयकों पर चर्चा होगी। विपक्ष इस सत्र को लेकर सरकार पर कई आरोप लगा रहा है, सोनिया गांधी चिट्ठी लिख चुकी है। ये सत्र भी हंगामेदार होने की अटकलें लगाई जा रही हैं।
विपक्ष को इस बात की आशंका
संसद के इस पांच दिवसीय सत्र के दौरान सरकार चौंका भी सकती है। विपक्ष को भी इस बात की आशंका है। सत्र के शुरू होने से पहले इस बात को लेकर चर्चा जोरों पर है कि क्या सरकार इस दौरान कुछ चौंकाने वाली चीजें पेश करेगी। इस दौरान सत्र में संसद के 75 साल के सफर पर चर्चा भी होगी। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने इसे लेकर कहा-"जो एजेंडा सामने आया है, उसमें कुछ भी नहीं है। इन सबके लिए नवंबर में शीतकालीन सत्र तक प्रतीक्षा की जा सकती है। मुझे यकीन है कि विधायी हथगोले हमेशा की तरह आखिरी क्षण में फूटने के लिए तैयार हैं। परदे के पीछे कुछ और है।"
सरकार का 8 विधायकों पर फोकस
संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि सत्र के दौरान कुल आठ विधेयकों को चर्चा और पारित कराने के लिए सूचीबद्ध किया गया है। रविवार को एक सर्वदलीय बैठक में सदन के नेताओं को सूचित किया गया कि वरिष्ठ नागरिकों से जुड़े एक विधेयक तथा अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति आदेश से संबंधित तीन विधेयकों को एजेंडे में जोड़ा गया है। पहले सूचीबद्ध किए गए विधेयकों में मुख्य निर्वाचन आयुक्त और निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्ति संबंधी विधेयक भी शामिल था। किसी भी संभावित नए विधेयक पर कोई आधिकारिक बयान नहीं जारी किया गया है, लेकिन भाजपा समेत अन्य दलों के बीच यह चर्चा है कि लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं को आरक्षण देने वाला विधेयक भी पेश किया जा सकता है। विभिन्न दलों की पांच दिवसीय सत्र में महिला आरक्षण विधेयक पेश किए जाने की मांग पर सरकार के रुख के बारे में जोशी ने कहा कि उपयुक्त समय पर इस संबंध में फैसला लिया जाएगा।
नई संसद में 20 सितंबर से काम
संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि सेंट्रल हॉल में एक समारोह के बाद मौजूदा संसद को नए भवन में स्थानांतरित किया जाएगा। लोकसभा के एक बुलेटिन के अनुसार, समारोह में भारतीय संसद की समृद्ध विरासत को याद किया जाएगा और भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने का संकल्प लिया जाएगा। नए संसद भवन में सरकार के विधायी कामकाज 20 सितंबर से शुरू होंगे।
होगा फोटो सेशन
लोकसभा और राज्यसभा के सभी सदस्यों को मंगलवार सुबह सामूहिक तस्वीर खिंचवाने के लिए बुलाया गया है। लोकसभा सचिवालय द्वारा जारी एक बुलेटिन के अनुसार, सभी सांसदों को मंगलवार सुबह साढ़े नौ बजे सामूहिक तस्वीर खिंचवाने के लिए बुलाया गया है। एक अधिकारी ने बताया कि सामूहिक तस्वीर के लिए पुरानी इमारत के भीतरी प्रांगण में व्यवस्था की गयी है। सांसदों को नए संसद भवन में प्रवेश के लिए नए पहचान पत्र भी जारी किए गए हैं।
चौंका सकती है सरकार
सोमवार से शुरू हो रहे सत्र को बुलाए जाने के असामान्य समय ने सभी को हैरत में डाला है। हालांकि, सत्र के लिए सूचीबद्ध एजेंडे का एक मुख्य विषय संविधान सभा से शुरू हुई संसद की 75 वर्ष की यात्रा पर विशेष चर्चा है। सरकार ने मुख्य निर्वाचन आयुक्त और अन्य निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्ति के प्रावधानों वाले विधेयक को भी सत्र में चर्चा एवं पारित कराने के लिए सूचीबद्ध किया है। यह विधेयक गत मानसून सत्र के दौरान राज्यसभा में पेश किया गया था। सरकार को संसद में कुछ नये कानून या अन्य विषय पेश करने का विशेषाधिकार प्राप्त है, जो जरूरी नहीं है कि सूचीबद्ध एजेंडे का हिस्सा हो। किसी संभावित नये कानून पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन लोकसभा और राज्य विधानसभाओं जैसी निर्वाचित विधायिकाओं में महिलाओं के लिए आरक्षण सुनिश्चित करने वाले विधेयक के बारे में चर्चा जोरों पर है। भारत की अध्यक्षता में राष्ट्रीय राजधानी में जी20 शिखर सम्मेलन के सफल आयोजन ने मोदी की लोकप्रियता को और बढ़ा दिया है और सत्र में चर्चा के दौरान सत्ता पक्ष द्वारा इस तथ्य की तरफ प्रमुखता से ध्यान आकर्षित किया जा सकता है।
ड्रेस कोड पर विवाद
इस सत्र के दौरान संसद के विभिन्न विभागों के कर्मचारी भी नयी वर्दी में दिखाई पड़ सकते हैं। संसद के कर्मचारियों के एक वर्ग के लिए फूल की आकृति वाले नये ड्रेस कोड ने पहले ही एक राजनीतिक विवाद खड़ा कर दिया है। कांग्रेस ने इसे सत्तारूढ़ पार्टी के चुनाव चिह्न 'कमल' के फूल को प्रचारित करने की एक सस्ती रणनीति करार दिया है।
क्या है कार्यक्रम
फिलहाल, सरकार ने सत्र के पहले दिन संविधान सभा से लेकर संसद बनने की 75 साल की यात्रा पर विशेष चर्चा की योजना बनाई है। सत्र के दौरान "संविधान सभा से शुरू होने वाली 75 वर्ष की संसदीय यात्रा-उपलब्धियां, अनुभव, यादें और सीख" पर चर्चा के अलावा, लोकसभा के लिए अन्य सूचीबद्ध कार्यों में अधिवक्ता (संशोधन) विधेयक 2023, प्रेस और पत्र-पत्रिका पंजीकरण विधेयक 2023 शामिल हैं, जो तीन अगस्त 2023 को राज्यसभा में पहले ही पारित हो चुका है। एक आधिकारिक बुलेटिन के अनुसार, डाकघर विधेयक 2023 को भी लोकसभा की कार्यवाही में सूचीबद्ध किया गया है। यह विधेयक 10 अगस्त 2023 को राज्यसभा में पेश किया गया था। कार्य सूची अस्थाई है और इसमें अधिक विषय जोड़े जा सकते हैं।
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