वायुसेना की और बढ़ेगी ताकत, IAF को जुलाई तक मिलेगा पहला LCA Mark-1A जेट व‍िमान; जानें खासियत

Tejas Mark 1A Fighter Jets: एलसीए मार्क 1ए लड़ाकू विमान इस साल जुलाई तक हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड द्वारा भारतीय वायु सेना को सौंपे जाने की उम्मीद है। विमान को पहले फरवरी-मार्च की समय सीमा में भारतीय वायुसेना को सौंपे जाने की उम्मीद थी, लेकिन तकनीकी कारणों से इसमें थोड़ी देरी हुई।

LCA Mark-1A

भारतीय वायुसेना को जल्द मिलेगा LCA Mark-1A जेट व‍िमान

Tejas Mark 1A Fighter Jets: भारतीय वायुसेना में लड़ाकू स्क्वाड्रनों की कमी को पूरा करने की योजना बनाई गई थी। आने वाले समय में (जुलाई तक) वायुसेना का बेड़ा और मजबूत होगा। भारतीय वायुसेना को ह‍िन्‍दुस्‍तान एयरोनॉट‍िक्‍स ल‍िम‍िटेड (HAL) पहला तेजस Mark-1A जेट विमान जुलाई तक देगा।

जुलाई तक तेजस Mark-1A जेट विमान IAF को सौंपे जाने की उम्मीद

पहला एलसीए मार्क 1ए लड़ाकू विमान इस साल जुलाई तक हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड द्वारा भारतीय वायु सेना को सौंपे जाने की उम्मीद है। विमान को पहले फरवरी-मार्च की समय सीमा में भारतीय वायुसेना को सौंपे जाने की उम्मीद थी, लेकिन तकनीकी कारणों से इसमें थोड़ी देरी हुई। रक्षा अधिकारियों ने एएनआई को बताया कि भारतीय वायु सेना और सार्वजनिक क्षेत्र एचएएल ने हाल ही में एलसीए लड़ाकू परियोजना की समीक्षा की है और अब इसे इस साल जुलाई तक सेना को सौंपे जाने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि एचएएल ने पिछले महीने लड़ाकू विमान की पहली उड़ान भरी थी और वायुसेना को सौंपे जाने से पहले अगले कुछ हफ्तों में कई अन्य एकीकरण परीक्षण पूरे कर लिए जाएंगे।

सरकार द्वारा दिया गया स्वदेशी सैन्य हार्डवेयर का सबसे बड़ा ऑर्डर

अधिकारियों ने कहा कि स्वदेशी लड़ाकू विमान को बल में शामिल करना सैन्य क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को साकार करने की दिशा में एक बड़ा कदम होगा और इस अवसर पर प्रधानमंत्री को भी आमंत्रित किया जा सकता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यभार संभालने के बाद एलसीए मार्क 1ए परियोजना की परिकल्पना की गई थी।

83 विमानों के लिए 48000 करोड़ रुपये का एक ऑर्डर पहले ही दिया जा चुका है और इस वित्तीय वर्ष के अंत तक 97 विमानों के लिए 65000 करोड़ रुपये का एक और ऑर्डर दिए जाने की उम्मीद है। रक्षा मंत्रालय ने 97 मेड-इन-इंडिया LCA मार्क 1A फाइटर जेट की खरीद के लिए हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) को पहले ही टेंडर जारी कर दिया है। यह टेंडर भारत सरकार द्वारा दिया गया स्वदेशी सैन्य हार्डवेयर का अब तक का सबसे बड़ा ऑर्डर है। हाल ही में रक्षा मंत्रालय की ओर से एचएएल को जारी आदेश में कंपनी को जवाब देने के लिए तीन महीने की मोहलत दी गई है।

सरकारी अधिकारियों ने एएनआई को सूचित किया था कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य भारतीय वायु सेना के मिग-21, मिग-23 और मिग-27 के बेड़े को बदलना है, जिन्हें या तो चरणबद्ध तरीके से समाप्त कर दिया गया है या जल्द ही चरणबद्ध तरीके से समाप्त किया जाना है। रक्षा मंत्रालय और वायुसेना मुख्यालय दोनों द्वारा समर्थित, स्वदेशी लड़ाकू विमान कार्यक्रम से स्वदेशीकरण प्रयासों को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ावा मिलने और देश भर में रक्षा क्षेत्र में लगे छोटे और मध्यम उद्यमों के लिए पर्याप्त व्यावसायिक अवसर प्रदान करने की उम्मीद है।

उन्होंने कहा कि रक्षा मंत्रालय और वायुसेना मुख्यालय द्वारा पूरी तरह से समर्थित स्वदेशी लड़ाकू विमान कार्यक्रम स्वदेशीकरण को बढ़ावा देने के साथ-साथ देश भर में रक्षा व्यवसाय में लगे छोटे और मध्यम उद्यमों को बड़ा व्यवसाय देने के लिए एक बड़ा बढ़ावा देने वाला है।

पीएम मोदी ने एचएएल के पुनरुद्धार पर दिया जोर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एचएएल के पुनरुद्धार पर जोर दे रहे हैं, जिसे उनकी सरकार के तहत सभी प्रकार के स्वदेशी लड़ाकू विमानों और उनके इंजनों के साथ हेलीकॉप्टरों के निर्माण का ऑर्डर मिला है। प्रधानमंत्री ने स्वदेशी लड़ाकू विमान के ट्रेनर संस्करण में भी उड़ान भरी जो किसी भी लड़ाकू विमान में भारत के प्रधान मंत्री द्वारा की गई पहली उड़ान थी।

97 और एलसीए मार्क 1ए फाइटर जेट हासिल करने की योजना की घोषणा सबसे पहले भारतीय वायु सेना प्रमुख वीआर चौधरी ने स्पेन की विदेशी धरती पर की थी, जब उन्होंने एएनआई को स्वदेशी लड़ाकू विमान ऑर्डर को बढ़ावा देने की मेगा योजनाओं के बारे में बताया था।

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Shashank Shekhar Mishra author

शशांक शेखर मिश्रा टाइम्स नाउ नवभारत डिजिटल (www.timesnowhindi.com/ में बतौर कॉपी एडिटर काम कर रहे हैं। इन्हें पत्रकारिता में करीब 5 वर्षों का अनुभव ह...और देखें

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