पराली, प्रदूषण और पॉलिटिक्स, जानिए कैसे परेशान हैं दिल्ली-NCR के बुजुर्ग और बच्चे

हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने पराली जालाने को लेकर अरविंद केजरीवाल को निशाने पर लेते हुए कहा केजरीवाल कहते थे कि पंजाब में पराली जलाने का धुआं दिल्ली की तरफ आ रहा है, लेकिन इस बार उन्होंने इस बारे में कुछ नहीं कहा, क्योंकि पंजाब में उनकी सरकार है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में वायु प्रदूषण पर रोक लगाने के लिए 15 सूत्रीय प्लान लागू किया है।

Delhi Pollution

पराली जलाने के बाद दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण

देश में दिपावली (Diwali) पर जमकर आतिशबाजी हुई है इसका असर यह हुआ है कि देश में हवा की गुणवत्ता बुरी तरह प्रभावित हुई, लेकिन पटाखों से ज्यादा जलती पराली को प्रदूषण (Pollution) के लिए जिम्मेदार है। Delhi, Haryana, पंजाब (Punjab) और UP में किसान जमकर पराली को जला रहे हैं। राज्‍य सरकारें इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए तमाम तरह की कोशिशें करने का दावा करती हैं, लेकिन ये दावे हवा हवाई नजर आ रहे हैं। दिल्ली के साथ-साथ हरियाणा और पंजाब में धड़ल्‍ले से पराली जलाई जा रही है। हरियाणा और पंजाब में पराली जलाने की कई घटनाएं सामने आई हैं जिसका सीधा असर दिल्‍ली-NCR पर पड़ रहा है।बढ़ते प्रदूषण की वजह से जहां बच्चे परेशान होते है। वहीं बुजुर्गों को भी कई तरह की बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है।

पराली से पॉलिटिक्स तक...

दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण के लिए कुछ लोग जहां दीपावली पर जलाए गए पटाखों को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं,वहीं हमारे देश के नेता प्रदूषण जैसे गंभीर मुद्दे पर भी सियासत कर रहे हैं। पराली जलाने को लेकर दिल्ली सरकार जहां हरियाणा को जिम्मेदार ठहरा रही है तो वहीं हरियाणा सरकार इसे लेकर पंजाब की भगवंत मान को निशाने पर लेते हुए अरविंद केजरीवाल को घेर रही है। BJP का कहना है कि पंजाब में लगातार पराली जल रही है, अरविंद केजरीवाल बायो डीकंपोजर का क्या हुआ ? साथ ही केंद्र सरकार ने भी पंजाब सरकार से खेतों में आग को रोकने के लिए जरूरी कदम उठाने की अपील की है। बीजेपी का आरोप है कि पंजाब में पराली जलाने के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। लेकिन पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान लगातार गुजरात और आदमपुर चुनाव के प्रचार में बिजी हैं। पराली से होने वाले प्रदूषण को काबू करने को लेकर केंद्र सरकार पिछले चार साल में ही 2400 से ज्यादा करोड़ रुपये खर्च कर चुकी है, लेकिन इसका नतीजा शून्य है।

पराली पर सरकार की पहल बेअसर

हरियाणा सरकार किसानों को धान की पराली को जलाने की बजाय प्रबंधन करने पर प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि दे रही है और इसको लेकर जागरूकता अभियान चला रही है। वहीं पंजाब में किसानों को पराली जलाने से रोकने के लिए पंजाब विधानसभा के स्पीकर कुलतार सिंह संधवां ने अच्छी पहल शुरु की है। उन्होंने ऐलान किया है कि जिस भी गांव की पंचायत के किसान पराली जलाना छोड़ देंगे, उस गांव को वह एक लाख रुपये देंगे। नतीजा ये है कि पंजाब और हरियाणा सरकार की मुहिम का जमीनी स्तर पर कोई असर दिखाई नहीं दे रहा है। पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने का सिलसिला लगातार जारी है।

क्या कहते हैं किसान

पराली जलाने वाले किसानों का कहना है कि पराली जलाने के सिवाय उनके पास कोई भी समाधान नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार दावे तो बहुत कर रही है, लेकिन उन्हें मशीनों पर सब्सिडी और दूसरी मदद जमीनी स्तर पर नहीं मिल रही हैं। किसानों का कहना है कि पराली को हम भी नहीं जलाना चाहते,लेकिन इसका हमारे पास कोई समाधान भी नहीं है। अगर सरकार कोई ऐसी सुविधा दे जिस पराली को ना जलाना पड़े तो हम पराली नहीं जलाएंगे।

प्रदूषण से होने वाली परेशानियां

जैसे-जैसे प्रदूषण का स्तर बढ़ता है वैसे ही बढ़ते प्रदूषण के साथ बीमारियों का खतरा भी बढ़ता जाता है, प्रदूषण बढ़ने से क्रॉनिक ब्रॉन्काइटिस की समस्या,फेफड़ों का कैंसर,अस्थमा का अटैक, जुकाम होना, सांस लेने में तकलीफ, आंखों में जलन, खांसी, टीबी और गले में इंफेक्शन जैसी बीमारी हो जाती है।
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सोनू शर्मा author

सोनू शर्मा इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में एक युवा पत्रकार हैं और अब तक कई चैनलों में कार्य कर चुके हैं। फिलहाल Times Group के अंग्रेजी न्यूज चैनल Mirror Now ...और देखें

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