जस्टिस यशवंत वर्मा कैश केस: बोले हरीश साल्वे- इस तरह के आरोप न्यायपालिका में लोगों के विश्वास के डिगा देते हैं
दावा किया जा रहा है कि दिल्ली हाईकोर्ट के जज यशवंत वर्मा के यहां भारी मात्रा में कैश मिला है। यह कैश तब मिला, जब उनके घर में आग लगी और उस आग को बुझाने के लिए फायर विभाग की टीम पहुंची।

पूर्व सॉलिसिटर जनरल और वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे
दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश से जुड़े घर में कथित नकदी प्रकरण की पृष्ठभूमि में, पूर्व सॉलिसिटर जनरल और वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने शुक्रवार को इन दावों पर आश्चर्य व्यक्त किया। उन्होंने आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि इस तरह के आरोप न्यायपालिका में जनता के विश्वास को डिगा देते हैं। उन्होंने दिल्ली हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा से जुड़े नवीनतम प्रकरण को चेतावनी की घंटी बताते हुए कहा कि न्यायिक नियुक्ति की जो प्रणाली "आज हमारे पास है, वह बेकार है।"
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जस्टिस वर्मा के तबादले और जांच पर क्या बोले साल्वे
इस इंटरव्यू के दौरान जब हरीश साल्वे से यह पूछा गया कि क्या आपको लगता है कि दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश यशवंत वर्मा के घर पर नकदी से संबंधित आरोपों ने न्यायपालिका में जनता का विश्वास हिला दिया है? इस पर उन्होंने कहा- "जब मैंने यह खबर पढ़ी तो मैं स्तब्ध रह गया। अगर इससे न्यायपालिका में मेरा विश्वास डगमगाता है, तो निश्चित रूप से इससे न्यायपालिका में आम आदमी का विश्वास भी डगमगाता है। मेरा मानना है कि सर्वोच्च न्यायालय ने स्पष्ट कर दिया है कि इस घटना से तबादले का कोई लेना-देना नहीं है। ठीक है। यह सच हो सकता है या सच नहीं भी हो सकता है, लेकिन यह जनता के लिए है। सुबह से हमने जो कुछ भी सुना है, उस पर विश्वास करना मुश्किल है। मुझे लगता है कि अब आगे बढ़ने का एकमात्र तरीका यह है कि उनका तबादला निलंबित कर दिया जाए और जांच का आदेश दिया जाए।"
'जांच के लिए बने समिति'
साल्वे ने जस्टिस वर्मा के काम जारी रखने के सवाल पर कहा कि उन्हें यकीन है कि वह कुछ दिन की छुट्टी लेंगे। सुप्रीम कोर्ट को मामले में जांच का आदेश देना चाहिए। और मैं एक क्रांतिकारी सुझाव दे रहा हूं, सुप्रीम कोर्ट को एक न्यायाधीश और दो प्रतिष्ठित बाहरी लोगों की अध्यक्षता में तीन सदस्यों की एक समिति बनानी चाहिए, जो मामले की जांच करे... यह एक बहुत ही बुनियादी तथ्य है। वहीं जब कार्रवाई पर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा-"क्या उनके घर से कोई पैसा बरामद हुआ था? फायर चीफ का कहना है कि कोई पैसा बरामद नहीं हुआ। अगर उनके घर से वाकई पैसा बरामद हुआ था, तो समिति उन्हें दोषी पाएगी... और फिर देश का कानून अपना काम करेगा। लेकिन, अगर आरोप सच नहीं हैं, तो इन रिपोर्टों को किसने प्लांट किया, इसकी पूरी तरह से जांच की जरूरत है।"
महाभियोग प्रस्ताव पर क्या बोले साल्वे
महाभियोग प्रस्ताव के सवाल पर हरीश साल्वे ने कहा कि सिर्फ महाभियोग नहीं। मुझे यकीन है कि अगर स्वतंत्र जांच में उन पर आरोप साबित होते हैं तो वह इस्तीफा दे देंगे। आप कह रहे हैं कि इसमें बहुत सी खामियां हैं, बहुत से ग्रे एरिया हैं? ग्रे नहीं, ग्रे कुछ भी नहीं है। अभी सब कुछ काला है। एक तरफ, अखबार आपको कानूनी पेशे के मेरे साढ़े चार दशकों की सबसे बदसूरत कहानी से जगाते हैं। मुझे नहीं लगता कि मैंने कभी किसी हाई कोर्ट जज के घर से नकदी बरामद होने की इतनी बदसूरत कहानी सुनी है। मैं आपको बता दूं कि जस्टिस वर्मा सबसे वरिष्ठ जजों में से एक हैं। वह जज जिनकी मैं हमेशा प्रशंसा करता रहा हूं। और जब मैंने यह खबर पढ़ी तो मैं स्तब्ध रह गया। इसलिए, अगर यह न्यायपालिका में मेरे विश्वास को हिलाता है, तो निश्चित रूप से यह न्यायपालिका में आम आदमी के विश्वास को हिलाता है।
IANS की रिपोर्ट
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