सूडान संकट के बाद भारत के साथ कैसा रहेगा संबंध? राजदूत एलहुसैन ने दिया ये जवाब

Sudan crisis: सूडान में सेना और अर्द्धसैनिक समूह के बीच सत्ता हासिल करने के लिए भीषण संघर्ष के बीच भारत सरकार ऑपरेशन कावेरी के तहत भारतीयों को वहां से बाहर निकाल रही है। इस बीच इस बीच सवाल उठने लगा कि दोनों देशों के बीच अब संबंध कैसा रहेगा? इस का जवाब भारत में वहां के राजदूत अब्दुल्ला ओमर बशीर एलहुसैन ने दिया।

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सूडान संकट पर भारत के साथ संबंध पर बोले सूडानी राजदूत

हिंसाग्रस्त अफ्रीकी देश सूडान से भारतीयों को निकालने का काम तेजी से चल रहा है। भारत सरकार ने ऑपरेशन कावेरी अभियान चला रखा है। इस बीच सवाल उठने लगा कि दोनों देशों के बीच अब संबंध कैसा रहेगा? इस पर भारत में सूडान के राजदूत अब्दुल्ला ओमर बशीर एलहुसैन ने बुधवार को कहा कि सूडान में चल रहे संकट का पूर्वोत्तर अफ्रीकी देश और भारत के बीच संबंधों पर नेगेटिव प्रभाव नहीं पड़ेगा। उन्होंने युद्धग्रस्त देश से अपने फंसे हुए नागरिकों को निकालने के लिए भारत की त्वरित कार्रवाई की भी सराहना की।

भारत-सूडान के संबंधों में नहीं पड़ेगा नेगेटिव प्रभाव

सूडान के राजदूत दूत ने न्यूज एजेंसी एएनआई को बताया कि निश्चित रूप से कोई नेगेटिव प्रभाव नहीं है। अगर कोई प्रभाव है तो वह पॉजिटिव है। मुझे लगता है कि इस संकट के दौरान सहयोग और समन्वय का एक अच्छा स्तर है। इससे हम भविष्य को और अधिक आशावादी बनाएंगे।

भारत-सूडान के बीच 100 पुराना संबंध

उन्होंने यह भी कहा कि भारत और सूडान दोनों में बहुत सी सांस्कृतिक समानताएं और विविधताएं हैं। उन्होंने कहा कि सूडान में भी भारत और सूडान के बहुत खास संबंध हैं। हमारे पास मूल रूप से भारत से एक सूडानी समुदाय है, वे 100 साल पहले सूडान आए थे और वे वहीं रह रहे हैं और अब वे सूडानी हैं।

भारतीय नागरिकों के लिए 24 घंटे काम कर रहा हूं

एलहुसैन ने कहा कि मैं 24 घंटे काम कर रहा हूं और हमने वास्तव में सहयोग का समन्वय करने, विमानों के लिए आवश्यक परमिट प्रदान करने, जहाजों के उड़ने और सूडान में उतरने और भारतीय नागरिकों को वापस लाने के लिए अच्छा काम किया है।

सेना और अर्द्धसैनिक समूह के बीच भीषण संघर्ष जारी

सूडान में सेना और अर्द्धसैनिक समूह के बीच सत्ता हासिल करने के लिए भीषण संघर्ष जारी है जिससे देश में अराजकता की स्थिति उत्पन्न हो गई है। संघर्षों से पहले, संयुक्त राष्ट्र ने अनुमान लगाया था कि सूडान की एक तिहाई आबादी यानी करीब 1.6 करोड़ लोगों को मदद की जरूरत है और इस आंकड़े के बढ़ने की आशंका भी है।

ऑपरेशन कावेरी के तहत भारतीय वायु सेना के दो परिवहन विमानों के जरिये सूडान से 250 भारतीयों को निकाला गया है। इससे पहले नौसेना के जहाज आईएनएस सुमेधा के माध्यम से इस हिंसाग्रस्त अफ्रीकी देश से 278 नागरिकों को निकाला गया था। अधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, सूडान से अब तक निकाले गए भारतीय नागरिकों की संख्या करीब 530 हो गई है। ज्ञात हो कि सूडान में करीब 3000 भारतीयों को निकालने के लिए अभियान शुरू किया गया है।

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रामानुज सिंह author

रामानुज सिंह अगस्त 2017 से Timesnowhindi.com के साथ करियर को आगे बढ़ा रहे हैं। यहां वे असिस्टेंट एडिटर के तौर पर काम कर रहे हैं। वह बिजनेस टीम में ...और देखें

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