सुधा मूर्ति को मिला पद्म भूषण, ब्रिटेन के पीएम ऋषि सुनक ने दी ये प्रतिक्रिया
आईटी सेक्टर की दिग्गज कंपनी इंफोसिस के फाउंडेशन की चेयरपर्सन सुधा मूर्ति (Sudha Murty) को भारत के तीसरे सबसे बड़े नागरिक पुरस्कार पद्म भूषण से सम्मानित किया गया। इस पर ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक (Rishi Sunak) ने अपनी सास को यह सम्मान मिलने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए यह बात कही।
सास सुधा मूर्ति को पद्म भूषण मिलने पर ब्रिटेन के पीएम ऋषि सुनक ने प्रतिक्रिया व्यक्त की।
ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक (Rishi Sunak) ने गुरुवार को अपनी सास सुधा मूर्ति (Sudha Murty) को भारत के तीसरे सबसे बड़े नागरिक पुरस्कार पद्म भूषण से सम्मानित किए जाने पर खुशी जाहिर की। पत्नी अक्षता मूर्ति के इंस्टाग्राम पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए सुनक ने कहा कि यह गर्व का दिन (A proud day) है। 72 वर्षीय सुधा मूर्ति को सामाजिक कार्यों में उनके योगदान के लिए राष्ट्रपति भवन में पद्म सम्मान समारोह के दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सम्मानित किया। संबंधित खबरें
कर्नाटक की एक लोकप्रिय लेखिका और परोपकारी, सुधा मूर्ति इंफोसिस फाउंडेशन की चेयरपर्सन हैं। उनके पति इंफोसिस के सह-संस्थापक एनआर नारायण मूर्ति भी औपचारिक समारोह में मौजूद थे। समारोह के दौरान राष्ट्रपति भवन के राजसी दरबार हॉल में मूर्ति की बेटी अक्षता को अन्य गणमान्य व्यक्तियों के साथ विदेश मंत्री एस जयशंकर के बगल में पहली पंक्ति में बैठे देखा गया।संबंधित खबरें
इंफोसिस फाउंडेशन की चेयरपर्सन सुधा मूर्ति को मिला पद्म भूषण, ब्रिटिश पीएम सुनक ने कही ये बात
अक्षता ने इंस्टाग्राम पोस्ट में लिखा कि कल मैंने अपनी मां को पद्म पुरस्कार 2023 समारोह (भारत के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार) में नई दिल्ली में भारत के राष्ट्रपति से पद्म भूषण पुरस्कार प्राप्त करते हुए ऐसा गर्व महसूस किया जिसे बयां नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि पिछले महीने IWD पर, मैंने अपनी मां की STEM से कहानी कहने तक की असाधारण यात्रा को प्रतिबिंबित किया, लेकिन उनके धर्मार्थ और स्वयंसेवी प्रयासों ने मेरे लिए उनकी सबसे बड़ी प्रेरणा के रूप में काम किया है। हमेशा यह पूछने पर कि क्या वह और अधिक कर सकती है, उसने अनगिनत बार अपने समुदाय को रिटर्न दिया। 25 वर्षों से परोपकारी संगठनों की एक सीरीज की स्थापना और संचालन; कई साक्षरता पहलों में फंडिंग और सबसे ज्यादा जरूरतमंदों की सहायता बढ़ चढ़कर की। भारत के सबसे सूदूर इलाकों में कई प्राकृतिक आपदाओं से तबाह हुए लोगों का दिल खोलकर मदद कीं। संबंधित खबरें
यह कहते हुए कि उसकी मां पहचान के लिए नहीं जीती है। अक्षता ने कहा कि मेरे माता-पिता ने मेरे भाई और मुझमें जो वैल्यूज डाले हैं। कड़ी मेहनत, विनम्रता, निस्वार्थता - इसका मतलब है कि वह हमेशा अगली चीज पर है।संबंधित खबरें
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रामानुज सिंह author
रामानुज सिंह अगस्त 2017 से Timesnowhindi.com के साथ करियर को आगे बढ़ा रहे हैं। यहां वे असिस्टेंट ...और देखें
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