क्या हवा में टकराए थे सुखोई 30-मिराज 2000, दो पायलट सुरक्षित, 1 शहीद

मध्य प्रदेश के मुरैना में दो लडा़कू विमान सुखोई 30 और मिराज 2000 दुर्घटनाग्रस्त हो गए थे। एक विमान का मलबा मुरैना तो दूसरे विमान का मलबा भरतपुर में मिला है। इस हादसे में दो पायलट सुरक्षित हैं, जबकि एक पायलट शहीद हो गए।

मुख्य बातें
  • मुरैना के पास बड़ा हादसा, दो लड़ाकू विमान दुर्घटनाग्रस्त
  • सुखोई-30 और मिराज 2000 हादसे का शिकार
  • ग्वालियर से दोनों विमानों ने भरी थी उड़ान, एटीसी से टूटा संपर्क

मध्य प्रदेश के मुरैना जिले में कोलारस के पास सुखोई 30 और मिराज 2000 दुर्घटनाग्रस्त हो गए थे। इस हादसे में 2 पायलट सुरक्षित हैं जबकि एक पायलट शहीद हो गए हैं। एक विमान का मलबा मुरैना में तो दूसरे विमान का मलबा राजस्थान के भरतपुर जिले में मिला है। भरतपुर में अधिकारियों का कहना है कि कुछ बॉडी पार्ट्स मिले हैं दोनों विमानों ने मध्य प्रदेश के ग्वालियर हवाई ठिकाने से उड़ान भरी थी जहां अभ्यास चल रहा था। ग्वालियर से उड़ान भरते ही दोनों विमानों का एटीसी से संपर्क टूट गया था। वायुसेना ने हादसे की जांच के लिए कोर्ट ऑफ इंक्वायरी के आदेश दिए हैं।

IAF कोर्ट ऑफ इंक्वायरी के जरिए यह पता लगाएगी कि क्या यह मिड एयर कोलिजन यानी कि मध्य-वायु में तो टक्कर नहीं हुई थी। दुर्घटना के दौरान Su-30 में 2 पायलट थे जबकि मिराज 2000 में एक पायलट था। तीसरे पायलट की तलाश के लिए वायुसेना के हेलिकॉप्टर को हादसे वाली जगह पर भेजा गया है।रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह को भारतीय वायु सेना के दो विमानों के दुर्घटनाग्रस्त होने पर वायु सेना प्रमुख द्वारा जानकारी दी गई थी। रक्षा मंत्री ने भारतीय वायुसेना के पायलटों के बारे में जानकारी ली और घटनाक्रम की बारीकी से निगरानी कर रहे हैं।

End of Article
ललित राय author

खबरों को सटीक, तार्किक और विश्लेषण के अंदाज में पेश करना पेशा है। पिछले 10 वर्षों से डिजिटल मीडिया म...और देखें

Follow Us:
End Of Feed