NEET Paper Leak: सुप्रीम कोर्ट में नीट पेपर लीक केस की सुनवाई टली, अब 18 जुलाई को आ सकता है फैसला
NEET Paper Leak: नीट पेपर लीक केस में आज सुनवाई होनी थी। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई को 18 जुलाई के लिए स्थगित कर दिया है। कोर्ट का कहना है कि केंद्र सरकार और एनटीए द्वारा दायर हलफनामे कुछ पक्षकारों को नहीं मिले हैं। ऐसे में मामले की सुनवाई अब अगले गुरुवार को होगी।
NEET Paper Leak: सुप्रीम कोर्ट में नीट पेपर लीक मामले की सुनवाई टल गई है। अब इस मामले में 18 जुलाई को अगली सुनवाई होगी। इस दिन सुप्रीम कोर्ट अहम फैसला सुना सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह गुरुवार 18 जुलाई को NEET-UG मामले की सुनवाई करेगा। सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि मामले के कुछ पक्षकारों को केंद्र और एनटीए द्वारा दायर हलफनामे नहीं मिले हैं और उन्हें बहस से पहले अपने जवाब तैयार करने की जरूरत है।
सुप्रीम कोर्ट पहुंची थीं 38 याचिकाएं
नीट पेपर लीक मामले में देशभर से 38 याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट पहुंची थीं। कोर्ट इन याचिकाओं को एकसाथ सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया था। इस मामले में लंबी सुनवाई हो चुकी है। बीते आठ जुलाई को याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पीठ ने सरकार से कई तीखे सवाल पूछ थे और उनके जवाब मांगे थे। इसके बाद सुनवाई को 11 जुलाई के लिए सूचीबद्ध किया गया था।
केंद्र सरकार ने दाखिल किया हलफनामा
नीट मामले में केंद्र सरकार ने अपना हलफनामा सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किया है। इसमें कहा गया है कि केंद्र सरकार दोबारा परीक्षा कराने के पक्ष में नहीं है। इसके साथ ही केंद्र उन छात्रों की चिंताओं को दूर करने के लिए भी बाध्य है, जिन्होंने नीट परीक्षा 2024 दी है। केंद्र ने कहा है कि परीक्षा के नतीजों के डेटा एनालिटिक्स में को असामान्यता नहीं है और न ही बड़े पैमाने पर गड़बड़ी के संकेत मिले हैं। हलफमाने में यह भी कहा गया है कि काउंसलिंग के दौरान या बाद में अगर किसी अभ्यर्थी की गड़बड़ी सामने आती है तो उसकी सीट को रद्द कर दिया जाएगा।
सीबीआई ने भी सौंपी रिपोर्ट
नीट परीक्षा मामले में सीबीआई ने भी रिपोर्ट सौंप दी है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि पेपर ऑनलाइन लीक नहीं हुआ था, केवल स्थानीय स्तर पर लीक हुआ था। बता दें, बीती सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने इस संबंध में चिंता जाहिर करते हुए कहा था कि अगर नीट पेपर इलेक्ट्रॉनिक यानी ऑनलाइन माध्यम से लीक हुआ है तो यह जंगल में आग की तरह फैल सकता है। इस कारण परीक्षा को रद्द करना पड़ेगा। साथ ही यह भी कहा था कि इस बात का पता लगाया जाना चाहिए कि पेपर लीक से कितने छात्रों को फायदा पहुंचा था।
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