'डेथ चैंबर' बन गए हैं कोचिंग सेंटर, ओल्ड राजेंद्र नगर कोचिंग में छात्रों की मौत मामले पर सुप्रीम कोर्ट की बड़ी टिप्पणी

Supreme Court on Old Rajinder Nagar Coaching Incident: कोचिंग सेंटरों मे सेफ्टी के लिए गाइडलाइन बनाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट का बडा आदेश, कोचिंग सेंटरों मे हादसों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया।

Supreme Court on coaching centers guidelines

कोचिंग सेंटरों में सेफ्टी के लिए गाइडलाइन बनाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा आदेश

मुख्य बातें
  1. सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के कोचिंग सेंटरों की सुरक्षा को लेकर आदेश दिया है
  2. सुप्रीम कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेकर भारत सरकार, दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किया
  3. सुप्रीम कोर्ट ने कहा-कोचिंग सेंटर बच्चों के जिंदगी से खेल रहे हैं, कोचिंग सेंटर डेथ चैंबर बन गए हैं।
SC on Old Rajinder Nagar Coaching Incident: दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर के कोचिंग के UPSC के स्टूडेंट्स की मौत के बाद सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के कोचिंग सेंटरों की सुरक्षा को लेकर स्वतः संज्ञान लेकर केंद्र सरकार, दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किया, सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि-कोचिंग सेंटर बच्चों के जिंदगी से खेल रहे हैं, कोचिंग सेंटर डेथ चैंबर (Students Death Chambers) बन गए हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने केन्द्र सरकार और दिल्ली के चीफ सेक्रेटरी को नोटिस जारी कर पूछा कि कोचिंग सेंटरों मे क्या सेफ्टी के नियम लागू किए गए है।
सुप्रीम कोर्ट ने अटॉर्नी जनरल को इस मामले मे कोर्ट की सहायता करने को कहा ।

सुप्रीम कोर्ट ने तीन सिविल सेवा अभ्यर्थियों की मौत के मामले का स्वत: संज्ञान लिया

सुप्रीम कोर्ट ने पिछले सप्ताह दिल्ली के एक कोचिंग सेंटर की इमारत के 'बेसमेंट' में पानी भर जाने के कारण तीन सिविल सेवा अभ्यर्थियों की मौत के मामले का सोमवार को स्वत: संज्ञान लिया और केंद्र व दिल्ली सरकार से जवाब तलब किया। न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां की पीठ ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में हाल में घटी यह घटना सभी के लिए आंखें खोलने वाली है।

'कोचिंग सेंटर देश के विभिन्न हिस्सों से आने वाले अभ्यर्थियों के जीवन से खिलवाड़ कर रहे हैं'

पीठ ने कहा, 'ये जगहें (कोचिंग सेंटर) ‘डैथ चैंबर (मौत का कुआं)’ बन गई हैं। कोचिंग संस्थान का तब तक ऑनलाइन संचालन किया जा सकता है, जब तक वे सुरक्षा मानदंडों और गरिमापूर्ण जीवन के लिए बुनियादी मानदंडों का पूर्ण अनुपालन सुनिश्चित न करें। कोचिंग सेंटर देश के विभिन्न हिस्सों से आने वाले अभ्यर्थियों के जीवन से खिलवाड़ कर रहे हैं।'

मामले की जांच दिल्ली पुलिस से CBI को स्थानांतरित कर दी थी

दिल्ली उच्च न्यायालय ने ओल्ड राजेंद्र नगर में ‘राव आईएएस स्टडी सर्कल’ की इमारत के ‘बेसमेंट’ में पानी भर जाने के कारण तीन सिविल सेवा अभ्यर्थियों की मौत के मामले की जांच दिल्ली पुलिस से CBI को स्थानांतरित कर दी थी, 'ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि जनता को जांच पर कोई संदेह न हो।' इस घटना मारे गए सिविल सेवा अभ्यर्थियों की पहचान उत्तर प्रदेश की 25 साल की श्रेया यादव , तेलंगाना की 25 साल की तान्या सोनी और केरल के 24 साल के नेविन डेल्विन के रूप में हुई थी।
दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा कोचिंग सेंटरों में हमारा ये सोचना है कि अगर कोचिंग सेंटर सेफ्टी नॉर्म को पूरा नही करते तो इनको ऑन लाइन मोड में कर दिया जाना चाहिए लेकिन फिलहाल हम ये नहीं कर रहे हैं।

सभी आरोपी सीबीआई कोर्ट में जमानत याचिका दाखिल कर सकेंगे

दिल्ली कोचिंग सेंटर हादसे में बेसमेंट के चार सह-मालिकों की जमानत याचिका का तीस हजारी कोर्ट ने निपटारा कर दिया। अब सभी आरोपी सीबीआई कोर्ट में जमानत याचिका दाखिल कर सकेंगे। अदालत ने जांच सीबीआई को स्थानांतरित करने का अनुरोध संज्ञान में लिया और बेसमेंट के चार सह-मालिकों की जमानत याचिका का निपटारा किया। अदालत ने बेसमेंट मालिकों को सीबीआई अदालत के समक्ष जमानत याचिका दायर करने की छूट दी।
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गौरव श्रीवास्तव author

टीवी न्यूज रिपोर्टिंग में 10 साल पत्रकारिता का अनुभव है। फिलहाल सुप्रीम कोर्ट से लेकर कानूनी दांव पेंच से जुड़ी हर खबर आपको इस जगह मिलेगी। साथ ही चुना...और देखें

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