कूनों में चीतों से जुड़ी याचिकाओं पर SC ने बंद की सुनवाई, केंद्र ने कहा- हर साल 12 से 14 चीते आएंगे भारत

Project Cheetah: केन्द्र सरकार ने कहा कि दुनिया में पहली बार चीते एक महाद्वीप से दूसरे महाद्वीप में शिफ्ट किए गए हैं। एएसजी ऐश्वर्या भाटी ने सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस बीआर गवई की बेंच को बताया कि 20 में से छह चीतों की मौत हो गई।

Supreme-court

सुप्रीम कोर्ट

Project Cheetah: मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में चीतों से जुड़ी याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई बंद कर दी है। अदालत ने अब प्रोजेक्ट चीता को केंद्र पर ही छोड़ दिया है। कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए केंद्र की दलीलों को मंजूर कर लिया है। कहा कि केंद्र की दलीलों पर भरोसा ना करने का कोई कारण नहीं है। हालांकि, विशेषज्ञों की राय पर भी विचार किया जाए।

सुनवाई के दौरान केन्द्र सरकार ने कहा कि दुनिया में पहली बार चीते एक महाद्वीप से दूसरे महाद्वीप में शिफ्ट किए गए हैं। एएसजी ऐश्वर्या भाटी ने सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस बीआर गवई की बेंच को बताया कि 20 में से छह चीतों की मौत हो गई। एक मादा चीता ने चार बच्चों को जन्म दिया। उनमें से तीन की मौत हो गई।

दुनिया के मुकाबले कम मृत्युदर

केंद्र सरकार ने कहा कि भारत में तमाम चुनौतियों के बाद चीतों की मृत्यु दर दुनिया के अन्य हिस्सों के मुकाबले काफी कम होना उपलब्धि है। अन्य जंगली जानवरों यानी बाघ, तेंदुओं और जंगली सुअरों से इन्हें बचाना बड़ी चुनौती है। केंद्र सरकार ने कहा कि इन्फेक्शन और डिहाइड्रेशन भी चीतों की मौत का बड़ा कारण है।

हर साल 12 से 14 चीते आएंगे भारत

केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि हमारी योजना के मुताबिक हर साल औसतन 5 से आठ चीता शावक होंगे। सरकार अगले पांच साल तक बारह से 14 चीते ह विदेशों से लाने का बंदोबस्त करेगी। केंद्र सरकार ने बताया, जन्म के बाद उनकी बाड़े का तापमान ज्यादा होना भी उनके लिए मुश्किल होता है। नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका के कम तापमान के मुकाबले यहां का तापमान ज्यादा रहता है।

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