जातीय जनगणना पर बिहार सरकार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत, रोक लगाने से किया इनकार

बता दें कि नीतीश सरकार ने 2 अक्तूबर 2023 को जातिगत सर्वे के आंकड़े सामने रखे थे। इसे लेकर बिहार का सियासी तापमान गर्म है।

जातिगत सर्वे पर नीतीश सरकार को राहत

Bihar Caste Census: जातीय जनगणना पर बिहार सरकार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने जातीय जनगणना पर किसी भी तरह की रोक लगाने से इंकार कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम राज्य के किसी काम पर रोक नहीं लगा सकते हैं। साथ ही इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार को नोटिस जारी किया है। अगली सुनवाई जनवरी 2024 में होगी। बता दें कि नीतीश सरकार ने 2 अक्तूबर 2023 को जातिगत सर्वे के आंकड़े सामने रखे थे।
न्यायमूर्ति संजय खन्ना और न्यायमूर्ति एस एन भट्टी ने पटना हाइकोर्ट के एक अगस्त के आदेश को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर एक औपचारिक नोटिस जारी किया। हाई कोर्ट ने बिहार में जाति सर्वेक्षण की मंजूरी दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं की उन आपत्तियों को खारिज कर दिया कि राज्य सरकार ने कुछ आंकड़ें प्रकाशित कर स्थगन आदेश की अवहेलना की और मांग की कि आंकड़ों को प्रकाशित किए जाने पर पूर्ण रोक लगाने का आदेश दिया जाना चाहिए।
पीठ ने कहा, हम अभी किसी चीज पर रोक नहीं लगा रहे हैं। हम राज्य सरकार या किसी भी सरकार को कोई नीतिगत निर्णय लेने से नहीं रोक सकते। यह गलत होगा...हम इस सर्वेक्षण को कराने के राज्य सरकार के अधिकार से संबंधित अन्य मुद्दे पर गौर करेंगे। याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अपराजिता सिंह ने कहा कि मामले में निजता का उल्लंघन किया गया और उच्च न्यायालय का आदेश गलत है।
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