Arvind Kejriwal Granted Bail: जेल से बाहर आएंगे अरविंद केजरीवाल, सुप्रीम कोर्ट ने CBI मामले में दी जमानत

Arvind Kejriwal Granted Bail: अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी राहत दी है। शराब घोटाला मामले में सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल को जमानत दे दी है, जिसके बाद उनके जेल से बाहर आने का रास्ता साफ हो गया है। अरविंद केजरीवाल करीब 5 महीने बाद जेल से बाहर आएंगे

Arvind Kejriwal

अरविंद केजरीवाल।

Arvind Kejriwal Granted Bail: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी राहत दी है। अदालत ने शराब घोटाला मामले में सीबीआई द्वारा दर्ज केस में उनको जमानत दे दी है, जिसके बाद केजरीवाल के बाहर आने का रास्ता साफ हो गया है। इस मामले में ईडी द्वारा दर्ज केस में केजरीवाल को पहले ही जमानत मिल चुकी है।
जस्टिस सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली बेंच ने केजरीवाल की दो याचिकाओं पर अपना फैसला सुनाया। पहले मामले में, केजरीवाल ने सीबीआई की गिरफ्तारी को अवैध बताते हुए चुनौती दी थी। वहीं, दूसरी जमानत याचिका पर। अदालत ने सीबीआई द्वारा केजरीवाल की गिरफ्तारी को सही माना है। जस्टिस सूर्यकांत की बेंच ने कहा, सीबीआई ने केजरीवाल को गिरफ्तार करते समय सीआरपीसी के सेक्शन 41 का पालन किया, इसलिए उनकी गिरफ्तारी सही है। हालांकि, कोर्ट ने केजरीवाल को जमानत भी दे दी। अदालत के फैसले के बाद केजरीवाल करीब 5 महीने बाद जेल से बाहर आएंगे। इस मामले में पीठ ने पांच सितंबर को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।

अदालत ने तक की जमानत की शर्तें

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के मुख्यमंत्री और आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल को 10 लाख रुपये के जमानत बांड पर जमानत दी है। इसके साथ ही अदालत ने रिहाई की शर्तें भी तय की हैं। अदालत ने कहा है कि केजरीवाल इस मामले में कोई सार्वजनिक टिप्पणी नहीं करेंगे और जब तक उन्हें छूट नहीं दी जाती है, तब तक वह ट्रायल कोर्ट के समक्ष सभी सुनवाई के लिए उपस्थित रहेंगे। अदालत ने फैसला सुनाते हुए कहा कि लंबे समय तक कैद में रखना स्वतंत्रता से अन्यायपूर्ण वंचना के बराबर है।

26 जून को सीबीआई ने किया था गिरफ्तार
शराब घोटाले मामले में सीबीआई ने अरविंद केजरीवाल को 26 जून को गिरफ्तार किया था। उन्होंने दिल्ली उच्च न्यायालय के पांच अगस्त के उस आदेश को चुनौती देते हुए उच्चतम न्यायालय का रुख किया था, जिसमें उच्च न्यायालय ने भ्रष्टाचार के इस मामले में उनकी गिरफ्तारी को बरकरार रखा था। उच्च न्यायालय ने कहा था कि सीबीआई द्वारा केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद अब उनके खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं और संबंधित साक्ष्यों को देखकर यह नहीं कहा जा सकता है कि गिरफ्तारी अकारण या अवैध थी। उच्च न्यायालय ने उन्हें जमानत संबंधी याचिका पर निचली अदालत से संपर्क करने की भी अनुमति दी थी।

क्या है मामला?

यह मामला दिल्ली सरकार की आबकारी नीति 2021-22 के निर्माण और क्रियान्वयन में कथित भ्रष्टाचार से जुड़ा है। इस नीति को बाद में निरस्त कर दिया गया था। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कथित आबकारी नीति घोटाले के संबंध में धनशोधन का एक अलग मामला दर्ज किया था। सीबीआई और ईडी के अनुसार, आबकारी नीति में संशोधन करके अनियमितताएं की गईं और लाइसेंसधारकों को अनुचित लाभ पहुंचाया गया। शीर्ष अदालत ने 12 जुलाई को धनशोधन के मामले में केजरीवाल को अंतरिम जमानत दी थी। शीर्ष अदालत ने धनशोधन (रोकथाम) अधिनियम (पीएमएलए) के तहत गिरफ्तारी की आवश्यकता और अनिवार्यता के पहलू पर तीन सवालों के संदर्भ में गहन विचार के लिए इसे एक बड़ी पीठ (पांच-सदस्यीय संविधान पीठ) को भेज दिया। ईडी ने धनशोधन के मामले में 21 मार्च को केजरीवाल को गिरफ्तार किया था। भ्रष्टाचार मामले में अपनी याचिका पर पांच सितंबर को सुनवाई के दौरान केजरीवाल ने सीबीआई की उस दलील का जोरदार विरोध किया था कि उन्हें जमानत के लिए सबसे पहले निचली अदालत जाना चाहिए। सीबीआई की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस. वी. राजू ने केजरीवाल की याचिकाओं के गुण-दोष पर सवाल करते हुए उच्चतम न्यायालय से अनुरोध किया था कि ईडी की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका के संबंध में भी शीर्ष अदालत को उन्हें (केजरीवाल को) निचली अदालत जाने के लिए कहना चाहिए।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | देश (india News) और बजट 2024 (Union Budget 2024) की ताजा समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से |

लेटेस्ट न्यूज

प्रांजुल श्रीवास्तव author

मैं इस वक्त टाइम्स नाउ नवभारत से जुड़ा हुआ हूं। पत्रकारिता के 8 वर्षों के तजुर्बे में मुझे और मेरी भाषाई समझ को गढ़ने और तराशने में कई वरिष्ठ पत्रक...और देखें

End of Article

© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited