आशीष मिश्रा को सुप्रीम कोर्ट से मिली जमानत, टेनी के बेटे को माननी होंगी अदालत की ये शर्तें
Court News: सुप्रीम कोर्ट ने आशीष मिश्रा को लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में जमानत दे दी है। पूर्व केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे को जमानत देते हुए अदालत ने कुछ अहम शर्तें रखी हैं। जिसके तहत उसे दिल्ली या लखनऊ में ही रहने का निर्देश दिया गया है। आपको बताते हैं कि ये पूरा मामला क्या है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री के बेटे आशीष मिश्रा को सुप्रीम कोर्ट ने दी जमानत
Lakhimpur Kheri Violence Case: पूर्व केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा को साल 2021 के लखीमपुर-खीरी हिंसा मामले में सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई है। अदालत ने टेनी के बेटे को जमानत देते हुए दिल्ली या लखनऊ में ही रहने का निर्देश दिया। आपको बता दें, हिंसा की इस घटना में आठ लोगों की मौत हो गई थी।
सुप्रीम कोर्ट ने आशीष मिश्रा को दी जमानत
लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आशीष मिश्रा को दी गई अंतरिम जमानत को निरपेक्ष बनाया गया है और आशीष मिश्रा की अंतरिम जमानत की कुछ शर्तों में संशोधन किया गया है। उन्हें दिल्ली या उत्तर प्रदेश के लखनऊ में रहने की अनुमति दी गई है। साथ ही अदालत ने ये भी टिप्पणी की है कि 'लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में मुकदमे में तेजी लाने की जरूरत है और संबंधित ट्रायल कोर्ट को अन्य लंबित जरूरी मामलों को ध्यान में रखते हुए समय-सारिणी तय करने का निर्देश दिया है, लेकिन लंबित विषय ट्रायल को प्राथमिकता दी जाएगी।'
'117 गवाहों में से अब तक सात से पूछताछ की गई'
सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल 25 जनवरी को हिंसा की 'इस दुर्भाग्यपूर्ण एवं भयावह घटना' से जुड़े मामले में आशीष मिश्रा को अंतरिम जमानत दी थी। जस्टिस सूर्यकांत और न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां की पीठ ने मामले में आरोपी किसानों को भी जमानत दे दी और अधीनस्थ अदालत को सुनवाई में तेजी लाने का निर्देश दिया। पीठ ने कहा, 'सभी परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए अंतरिम आदेश को अंतिम आदेश किया जाता है, हमें सूचित किया गया है कि 117 गवाहों में से अब तक सात से पूछताछ की गई है। हमें लगता है कि मुकदमे की कार्यवाही में तेजी लाने की जरूरत है।' सुप्रीम कोर्ट ने अधीनस्थ अदालत को सुनवाई की समयसीमा तय करने का निर्देश दिया है।
लखीमपुर-खीरी में कैसे भड़की थी हिंसा?
किसानों ने उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के क्षेत्र के दौरे के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन किया था, जिसके बाद जिले में हिंसा भड़क गई थी। इस दौरान एक एसयूवी (स्पोर्ट्स यूटिलिटी व्हिकल) ने चार किसानों को कुचल दिया था। इसके बाद गुस्साए किसानों ने वाहन चालक और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के दो कार्यकर्ताओं की कथित तौर पर पीट-पीटकर हत्या कर दी थी। इस हिंसा में एक पत्रकार की भी मौत हो गई थी।
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आयुष सिन्हा author
मैं टाइम्स नाउ नवभारत (Timesnowhindi.com) से जुड़ा हुआ हूं। कलम और कागज से लगाव तो बचपन से ही था, जो...और देखें
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