मलयालम अभिनेता सिद्दीकी को सुप्रीम कोर्ट ने दी राहत, बलात्कार के मामले में मिली अग्रिम जमानत
Actor Siddique Get Relief: मलयालम एक्टर सिद्दीकी को देश की सर्वोच्च अदालत से बड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने सिद्दीकी को बलात्कार के मामले में अग्रिम जमानत दे दी है। 24 सितंबर को केरल उच्च न्यायालय ने अग्रिम जमानत की मांग करने वाली सिद्दीकी की याचिका को खारिज कर दिया था।
सुप्रीम कोर्ट ने एक्टर को दी अग्रिम जमानत।
Court News: सुप्रीम कोर्ट ने बलात्कार के मामले में मलयालम अभिनेता सिद्दीकी को अग्रिम जमानत दी। उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) ने मलयालम अभिनेता सिद्दीकी की उस याचिका पर केरल सरकार को नोटिस जारी किया, जिसमें बलात्कार मामले में अग्रिम जमानत देने से इनकार करने के केरल उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती दी गई है।
सिद्दीकी को गिरफ्तारी से मिला अंतरिम संरक्षण
बलात्कार के मामले में अग्रिम जमानत देने से केरल उच्च न्यायालय के इनकार को चुनौती दी है। न्यायमूर्ति बेला एम. त्रिवेदी और न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा की पीठ ने सिद्दीकी की याचिका पर सुनवाई की और उन्हें अंतरिम जमानत दे दी। सुप्रीम कोर्ट ने बलात्कार के मामले में अभिनेता सिद्दीकी को गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण प्रदान किया। 24 सितंबर को केरल उच्च न्यायालय ने अग्रिम जमानत की मांग करने वाली उनकी याचिका को यह देखते हुए खारिज कर दिया था कि रिकॉर्ड पर मौजूद सामग्री से पता चलता है कि अपराध में सिद्दीकी की प्रथम दृष्टया संलिप्तता थी।
अग्रिम जमानत याचिका हाईकोर्ट ने की थी खारिज
केरल हाईकोर्ट ने बलात्कार के एक मामले में 24 सितंबर को सिद्दीकी की अग्रिम जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा था कि उन पर लगे आरोपों की गंभीरता को देखते हुए अपराध की उचित जांच के लिए उन्हें (अभिनेता को) हिरासत में लेकर पूछताछ करना अपरिहार्य है। अदालत ने कहा था कि चूंकि सिद्दीकी ने अपने बचाव में "घटना से पूरी तरह इनकार" किया था, इसलिए उनका पौरुष परीक्षण अभी नहीं हुआ है और इस बात की "उचित आशंका" है कि वह गवाहों को डरा सकते हैं और सबूतों से छेड़छाड़ कर सकते हैं, इसलिए उन्हें राहत देने के लिए "अदालत की विवेकाधीन शक्तियों का प्रयोग करना उचित नहीं होगा’’।
हालांकि, उच्च न्यायालय ने यह स्पष्ट किया था कि आदेश में उसके द्वारा की गई टिप्पणियों को मामले के गुण-दोष की अभिव्यक्ति के रूप में नहीं माना जाएगा। सिद्दीकी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 376 (बलात्कार) और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत अपराध दर्ज किए गए थे। उच्च न्यायालय के समक्ष अपनी अग्रिम जमानत याचिका में उन्होंने दावा किया था कि शिकायतकर्ता एक थिएटर में 2016 में यौन दुर्व्यवहार और "मौखिक यौन प्रस्ताव" के निराधार और झूठे दावे पिछले पांच वर्षों से लगातार करती रही हैं।
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