आरजी कर मामला: सुप्रीम कोर्ट का पश्चिम बंगाल से बाहर केस ट्रांसफर करने से इनकार, CBI से मांगी नई स्टेटस रिपोर्ट
17 सितंबर को शीर्ष अदालत ने मामले में सीबीआई की स्थिति रिपोर्ट के निष्कर्षों पर नाराजगी जताई थी और विवरण देने से इनकार करते हुए कहा कि कोई भी खुलासा चल रही जांच को खतरे में डाल सकता है।
सुप्रीम कोर्ट
- कोलकाता आरजी कर रेप-मर्डर मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई
- सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई से चार हफ्ते में नई स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने को कहा
- साथ ही अदालत ने एनटीएफ की रिपोर्ट पर राज्यों से तीन हफ्ते मे रिपोर्ट मांगी
Supreme Court Hearing Over RG Kar Case: सुप्रीम कोर्ट ने कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर से बलात्कार और हत्या के मुकदमे को पश्चिम बंगाल से बाहर स्थानांतरित करने से गुरुवार को इनकार कर दिया। मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि निचली अदालत के न्यायाधीश के पास सबूतों की जांच के बाद जरूरी महसूस होने पर दूसरी जांच का आदेश देने की पर्याप्त शक्तियां हैं। शीर्ष अदालत ने कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में बलात्कार और हत्या के मामले के संबंध में सीबीआई द्वारा दायर छठी स्थिति रिपोर्ट की भी जांच की, लेकिन यह कहते हुए कोई टिप्पणी करने से परहेज किया कि जांच चल रही है।
चार सप्ताह बाद होगी सुनवाई
शीर्ष अदालत ने कहा कि कोलकाता की एक अदालत ने मुख्य आरोपी संजय रॉय के खिलाफ 4 नवंबर को आरोप तय किए थे और मामले में दैनिक सुनवाई 11 नवंबर से शुरू होगी। सुनवाई के दौरान, स्वास्थ्य पेशेवरों की सुरक्षा पर एक प्रोटोकॉल बनाने के लिए गठित राष्ट्रीय टास्क फोर्स (एनटीएफ) ने शीर्ष अदालत में अपनी रिपोर्ट सौंपी। शीर्ष अदालत ने एनटीएफ की रिपोर्ट को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ साझा करने का निर्देश दिया और सुनवाई चार सप्ताह बाद तय की।
शीर्ष अदालत ने 15 अक्टूबर को राज्य में नागरिक स्वयंसेवकों की नियुक्ति पर पश्चिम बंगाल सरकार से सवाल किया और उनकी भर्ती और नियुक्ति प्रक्रिया पर डेटा मांगा। शीर्ष अदालत ने 30 सितंबर को सरकारी मेडिकल कॉलेजों में अलग-अलग विश्राम कक्षों के अलावा सीसीटीवी लगाने और शौचालयों के निर्माण में राज्य की "धीमी" प्रगति पर असंतोष व्यक्त किया और इसे 15 अक्टूबर तक पूरा करने का आदेश दिया।
सीबीआई की स्टेटस रिपोर्ट पर जताई थी नाराजगी
17 सितंबर को शीर्ष अदालत ने मामले में सीबीआई की स्थिति रिपोर्ट के निष्कर्षों पर नाराजगी जताई थी और विवरण देने से इनकार करते हुए कहा कि कोई भी खुलासा चल रही जांच को खतरे में डाल सकता है। सुनवाई के दौरान सीजेआई (CJI) ने कहा कि हमने सीबीआई द्वारा दायर की गई छठी स्टेटस रिपोर्ट देखा, जिसमें निचली अदालत ने आरोपी के खिलाफ बीएनएसएस (BNSS) की धारा 64 और 103 के तहत आरोप तय किए गए हैं। अगली सुनवाई 11 नवंबर को है। चूंकि जांच चल रही है, इसलिए हम इसपर कोई टिप्पणी नहीं कर रहे हैं। 4 हफ्ते बाद सीबीआई स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करे।
केंद्र सरकार की तरफ से नेशनल टास्क फोर्स की रिपोर्ट दाखिल की गई है। केंद्र सरकार के वकील ने बताया कि पूरी रिपोर्ट में शॉर्ट टर्म, लॉन्ग टर्म और मीडियम टर्म उपाय शामिल हैं। इसे तीन भागों में बांटा गया है। सीजेआई ने कहा कि नेशनल टास्क फोर्स (NTF) ने एक रिपोर्ट पेश की है। एनटीएफ ने मेडिकल प्रोफेशनल्स के खिलाफ हिंसा की रोकथाम और सुरक्षित वर्क प्लेस बनाने के लिए अपनी सिफारिशें तैयार की है।
दूसरी सिफारिशें मेडिकल प्रोफेशनल्स के खिलाफ यौन हिंसा की रोकथाम के लिए हैं। एनटीएफ ने कहा है कि सभी राज्यों, हाईकोर्ट को रिपोर्ट का पालन करना चाहिए। इसलिए हम निर्देश देते हैं कि रिपोर्ट की कॉपी सभी वकीलों, सभी राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को उपलब्ध कराई जाए और यदि राज्य इसमें कुछ और सिफारिशें करना चाहते है तो तीन हफ्ते मे कोर्ट को बताएं।
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