CAA पर फिलहाल रोक नहीं, सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को दी बड़ी राहत
Court News: सुप्रीम कोर्ट ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए), 2019 और नागरिक संशोधन नियम, 2024 पर रोक लगाने की मांग वाली याचिकाओं पर केंद्र को नोटिस जारी किया। हालांकि कोर्ट ने केंद्र सरकार को बड़ी राहत दी है। अदालत ने नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के पालन पर फिलहाल रोक लगाने से इनकार कर दिया है।
केंद्र सरकार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत।
Supreme Court On CAA: सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को बड़ी राहत दी है। अदालत ने नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के पालन पर फिलहाल रोक लगाने से इनकार कर दिया है। सीधे शब्दों में समझा जाए तो फिलहाल CAA पर रोक नहीं लगाई जाएगी। अदालत ने उन याचिकाओं पर सुनवाई की, जिसमें केंद्र को नागरिकता संशोधन नियम, 2024 के कार्यान्वयन पर रोक लगाने का निर्देश देने की मांग की गई है।
केंद्र को जारी किया नोटिस
सुप्रीम कोर्ट ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए), 2019 और नागरिक संशोधन नियम, 2024 पर रोक लगाने की मांग वाली याचिकाओं पर केंद्र को नोटिस जारी किया। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से 8 अप्रैल तक अपना जवाब दाखिल करने को कहा और मामले की सुनवाई 9 अप्रैल को तय की। याचिकाकर्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट से नागरिक संशोधन नियम, 2024 पर रोक लगाने का आग्रह किया, हालांकि, अदालत ने ऐसा कोई आदेश पारित नहीं किया।
CAA पर फिलहाल रोक नहीं
याचिकाकर्ताओं ने याचिकाओं में मांग की है कि जब तक कि शीर्ष अदालत नागरिकता (संशोधन) अधिनियम, 2019 की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर फैसला नहीं कर लेती, इस पर रोक लगाई जाए। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को बड़ी राहत देते हुए इस मांग को मंजूरी नहीं दी। भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (IUML) की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल की दलीलों को सुना कि अगर एक बार प्रवासी हिंदुओं को भारतीय नागरिकता प्रदान कर दी गई तो इसे वापस नहीं लिया जा सकता, इसलिए जल्द सुनवाई जरूरी है।
IUML ने दायर की है याचिका
केंद्र द्वारा पेश किए गए और 2019 में संसद द्वारा पारित सीएए कानून का उद्देश्य बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से आए हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाइयों सहित सताए गए गैर-मुस्लिम प्रवासियों को भारतीय नागरिकता प्रदान करना है जो 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत आ गए हैं। केंद्र द्वारा सीएए के तहत नियम जारी करने के एक दिन बाद केरल स्थित राजनीतिक दल इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग कानून को लागू करने पर रोक लगाने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, आईयूएमएल ने मांग की गई कि विवादित कानून और नियमों पर रोक लगाई जाए और मुस्लिम समुदाय के उन लोगों के खिलाफ कोई कठोर कदम नहीं उठाया जाए जो इस कानून के लाभ से वंचित हैं।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | देश (india News) और चुनाव के समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से |
अक्टूबर 2017 में डिजिटल न्यूज़ की दुनिया में कदम रखने वाला टाइम्स नाउ नवभारत अपनी एक अलग पहचान बना च...और देखें
© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited