देश की आजादी के बाद सुप्रीम कोर्ट को मणिपुर से मिलेगा पहला जज, कॉलेजियम ने की सिफारिश

Supreme Court First Judge From Manipur: सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीशों की स्वीकृत संख्या 34 है। हालांकि, वर्तमान में 32 जज हैं, जो स्वीकृत संख्या से दो कम हैं। वहीं, जस्टिस हिमा कोहली भी सितंबर में सेवानिवृत्त होने वाली हैं, जिससे नई नियुक्तियों की आवश्यकता बढ़ गई है। ऐसे में कॉलेजियम ने दो नामों की सिफारिश की है।

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Supreme Court First Judge From Manipur: देश की आजादी के बाद सुप्रीम कोर्ट को मणिपुर से पहला जज मिल सकता है। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट की कॉलेजियम ने न्यायाधीशों के रिक्त पदों के लिए दो नामों की सिफारिश की है। इसमें जम्मू-कश्मीर और लद्दाख हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह और मद्रास हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश जस्टिस आर महादेवन का नाम शामिल है।
अगर कॉलेजियम की सिफारिशें स्वीकार कर ली जाती हैं, तो जम्मू-कश्मीर और लद्दाख हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह सुप्रीम कोर्ट में नियुक्त होने वाले मणिपुर के पहले जज बन जाएंगे। बता दें, देश की आजादी के 70 सालों में अबतक मणिपुर का कोई भी जज सुप्रीम कोर्ट में नियुक्त नहीं किया गया है।

सुप्रीम कोर्ट में खाली हैं दो पद

सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीशों की स्वीकृत संख्या 34 है। हालांकि, वर्तमान में 32 जज हैं, जो स्वीकृत संख्या से दो कम हैं। वहीं, जस्टिस हिमा कोहली भी सितंबर में सेवानिवृत्त होने वाली हैं, जिससे नई नियुक्तियों की आवश्यकता बढ़ गई है। ऐसे में मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाले कॉलेजियम ने दो नामों की सिफारिश की है। कॉलेजियम के अन्य सदस्यों में जस्टिस संजीव खन्ना, भूषण आर गवई, सूर्यकांत और ऋषिकेश रॉय शामिल हैं।

कौन हैं जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह?

जम्मू-कश्मीर और लद्दाख हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह का जन्म एक मार्च, 1963 को इम्फान में हुआ था। वह 15 फरवरी, 2023 को जम्मू-कश्मीर और लद्दाख हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस नियुक्त किए गए थे। जस्टिस कोटिश्वर सिंह गुवाहाटी हाईकोर्ट के पुर्व जज एन इबोटोम्बी सिंह के बेटे हैं। 1986 में दिल्ली विश्वविद्यालय से एलएलबी करने के बाद उन्होंने गुवाहाटी हाईकोर्ट से ही अपने करियर की शुरुआत की। अक्टूबर, 2011 में उन्हें अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया था। कॉलेजियम की सिफारिश में कहा गया है कि इसमें कहा गया है कि न्यायमूर्ति कोटिश्वर सिंह की न्यायिक क्षमता और प्रशासनिक पक्ष में उनके द्वारा किए गए कार्य के संदर्भ में एक बेदाग रिकॉर्ड है।
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प्रांजुल श्रीवास्तव author

मैं इस वक्त टाइम्स नाउ नवभारत से जुड़ा हुआ हूं। पत्रकारिता के 8 वर्षों के तजुर्बे में मुझे और मेरी भाषाई समझ को गढ़ने और तराशने में कई वरिष्ठ पत्रक...और देखें

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