राजनीति के चतुर खिलाड़ी निकले एकनाथ शिंदे, उद्धव ठाकरे नहीं भाप सके मिजाज

Eknath Shinde News: एकनाथ शिंदे गुट के साथ जाने वाले शिवसेना विधायकों के मामले को सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ ने बड़ी बेंच के हवाले कर दिया।

राजनीति के चतुर खिलाड़ी निकले एकनाथ शिंदे, उद्धव ठाकरे नहीं भाप सके मिजाज
Eknath Shinde News: आखिरकार जिस फैसले का इंतजार था वो आ ही गया। शिवसेना बनाम शिवसेना विवाद में सुप्रीम कोर्ट(Supreme Court of India) की संवैधानिक पीठ का फैसला एक तरह से एकनाथ शिंदे के पक्ष में रहा। अदालत ने 16 विधायकों की अयोग्यता के मामले को बड़ी बेंच के सुपुर्द कर दिया। बीते साल एकनाथ शिंदे ने उद्धव ठाकरे(Uddhav thaceray) से बगावत की और बीजेपी की मदद से सरकार बना ली और पार्टी पर दावा भी किया। उद्धव ठाकरे गुट इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट गया और कहा कि असली शिवसेना वो हैं। यहां बता दें किइससे पहले चुनाव आयोग ने असली शिवसेना पर हक एकनाथ शिंदे का बताया और पार्टी का सिंबल भी उन्हें आवंटित कर दिया था।
एकनाथ शिंदे, उद्धव ठाकरे के खासमखास हुआ करते थे। लेकिन सियासत में शायद ही आपने व्यक्तिगत रिश्तों को हावी होते देखा होगा। कुछ वैसा ही महाराष्ट्र में भी हुआ। यह बात सच है कि 2019 में ठाकरे सरकार बना पाने में कामयाब रहे। लेकिन वैचारिक धरातल पर एनसीपी और कांग्रेस के साथ गठजोड़ को शिवसेना के कई नेता पचा न सके। वो मौके की तलाश में जुटे जिसे बीजेपी के रणनीतिकार करीब से देख रहे थे। करीब तीन साल के शासन के बाद जब एकनाथ शिंदे और बीजेपी को लगने लगा कि अब समय आ चुका है जब उद्धव ठाकरे को सत्ता से बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता है तो अपने मिशन को बहुत ही चतुराई के साथ अंजाम दिया। शिंदे और बीजेपी के मिशन को आप राजनीति के माहिर खिलाड़ी शरद पवार के भावों से समझ सकते हैं,शरद पवार ने अपनी आत्मकथा में लिखा है कि उन्हें इस बात का अंदेशा ना के बराबर था कि उद्धव ठाकरे अपने विधायकों को साध कर नहीं रख पाएंगे। यही नहीं जब एकनाथ शिंदे सूरत और गुवाहाटी में बैठकर उद्धव को बेदखल करने की साजिश रच रहे थे, उस वक्त बहुत ही आसानी ने उन्होंने कुर्सी छोड़ दी।
सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ ने दिलचस्प जिक्र किया कि अगर उद्धव ठाकरे ने फ्लोर टेस्ट से पहले इस्तीफा नहीं दिया होता तो राहत मिल सकती थी। लेकिन इस्तीफा देने के बाद अब किसी तरह की राहत की गुंजाइश नहीं है। यही नहीं यथास्थिति को बहाल नहीं कर सकते। ऐसी सूरत में अब उद्धव ठाकरे को अपने कलाकौशल को सिद्ध करने के लिए 2024 का इंतजार करना होगा और एकनाथ शिंदे के लिए अगले विधानसभा चुनाव तक सीएम बने रहने का रास्ता भी साफ हो गया है।
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ललित राय author

खबरों को सटीक, तार्किक और विश्लेषण के अंदाज में पेश करना पेशा है। पिछले 10 वर्षों से डिजिटल मीडिया में कार्य करने का अनुभव है।और देखें

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