पराली पर बोला सुप्रीम कोर्ट- पंजाब से चरणबद्ध तरीके से खत्म हो धान की खेती, दूसरी फसलों पर मिले MSP

Stubble Burning in Punjab: सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगले साल तक पराली की घटनाओं को रोकने के लिए धान के बजाए दूसरी फसलों के विकल्प पर आगे बढ़ना होगा। उन्होंने कहा, चरणबद्ध तरीके से यह तभी हो सकता है जब केंद्र सरकार की ओर से धान नहीं बल्कि अन्य फसलों की खेती के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) दिया जाए।

सुप्रीम कोर्ट

Stubble Burning in Punjab: नवंबर की शुरुआत होते ही प्रदूषण ने एक बार फिर से दिल्ली-एनसीआर को अपनी गिरफ्त में ले लिया है। दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, फरीदाबाद, गुरुग्राम में मोटी धुंध की चादर छाई हुई है। लोगों को बाहर निकलने पर आंखों में जलन से लेकर सांस लेने में भी तकलीफ हो रही है। ऐसे में एक बार फिर से सुप्रीम कोर्ट वायु प्रदूषण के मुद्दे पर सख्त हो गया है।
सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब में पराली जलाए जाने की घटनाओं को गंभीरता से लेते हुए पंजाब सरकार को कड़ी फटकार लगाई है। साथ ही कहा है कि पंजाब में पराली जलाने की घटनाओं को रोकने के लिए धान की फसल को चरणबद्ध तरीके से बाहर किया जाना चाहिए। साथ ही अन्य फसलों का रुख किया जाना चाहिए।

एमएसपी के जरिए धान के विकल्पों को बढ़ावा दे केंद्र सरकार

सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान जस्टिस संजय किशन कौल और सुधांशु धूलिया की बेंच ने कहा कि अगले साल तक पराली की घटनाओं को रोकने के लिए धान के बजाए दूसरी फसलों के विकल्प पर आगे बढ़ना होगा। उन्होंने कहा, चरणबद्ध तरीके से यह तभी हो सकता है जब केंद्र सरकार की ओर से धान नहीं बल्कि अन्य फसलों की खेती के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) दिया जाए। कोर्ट ने कहा, धान की फसल यहां की स्थानीय फसल नहीं है और इसका स्थानीय स्तर पर उपयोग भी नहीं किया जाता है।
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