सजा देना अदालत का काम- गुजरात में 'बुलडोजर जस्टिस' पर सख्त हुआ सुप्रीम कोर्ट, उठाए सवाल

सुप्रीम कोर्ट ने बुलडोजर जस्टिस पर सवाल उठाते हुए उस मामले में यथास्थिति बनाए रखने के आदेश दिए हैं, जिसमें एक आरोपी की वजह से पारिवारिक घर गिराने की धमकी दी गई थी।

gujarat bulldozer

गुजरात में बुलडोजर जस्टिस पर सुप्रीम कोर्ट ने उठाए सवाल (प्रतीकात्मक फोटो)

मुख्य बातें
  • बुलडोजर एक्शन पर सुप्रीम कोर्ट सख्त
  • गुजरात में बुलडोजर जस्टिस पर SC की सख्त टिप्पणी
  • मामले में यथास्थिति बनाए रखने के आदेश

गुजरात में बुलडोजर जस्टिस के मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त टिप्पणी की है। सुप्रीम कोर्ट ने इसपर सवाल उठाते हुए कहा कि दोषी को सजा देने का काम दालत है। सुप्रीम कोर्ट ने एक मामले की सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की है।

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सुप्रीम कोर्ट ने क्या-क्या कहा

सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात के एक मामले की सुनवाई करते हुए बुलडोजर जस्टिस पर सवाल खड़े किए है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि किसी शख्स के किसी केस में महज आरोपी होने के चलते उसके घर पर बुलडोजर नहीं चलाया जा सकता है। आरोपी का दोष बनता है या नहीं, ये तय करना ( उसके मुताबिक सज़ा देना) कोर्ट का काम है। कानून के शासन वाले इस देश में एक शख्श के की गलती की सजा उसके परिजनों के खिलाफ कार्रवाई करके या उसके घर को ढहाकर नहीं दी जा सकती।

किस मामले पर की टिप्पणी

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अदालत इस तरह की बुलडोजर कार्रवाई को नज़रंदाज़ नहीं कर सकता। ऐसी कार्रवाई को होने देना कानून के शासन पर बुलडोजर चलाने जैसा होगा। सुप्रीम कोर्ट ने ये आदेश गुजरात के जावेद अली नाम के शख्श की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया। याचिकाकर्त्ता का कहना था कि परिवार के एक सदस्य के खिलाफ FIR होने के चलते उन्हें म्युनिसिपल कॉरपोरेशन से घर गिराने की धमकी दी गई है। SC ने फिलहाल यथास्थिति बनाये रखने का आदेश देते हुए नोटिस जारी किया है।

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गौरव श्रीवास्तव author

टीवी न्यूज रिपोर्टिंग में 10 साल पत्रकारिता का अनुभव है। फिलहाल सुप्रीम कोर्ट से लेकर कानूनी दांव पेंच से जुड़ी हर खबर आपको इस जगह मिलेगी। साथ ही चुना...और देखें

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