UGC-NET Exam टालने की याचिका पर सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट का इनकार, जानिए क्या-क्या कहा, 21 अगस्त को है परीक्षा

इससे पहले भी शीर्ष अदालत ने इस मुद्दे पर एक जनहित याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि यह एक वकील द्वारा दायर की गई थी, न कि पीड़ित परीक्षार्थियों द्वारा। जानिए आज सुप्रीम कोर्ट ने क्या-क्या कहा।

मुख्य बातें
  • यूजीसी-नेट परीक्षा रद्द करने के सरकार के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका खारिज
  • सुप्रीम कोर्ट ने कहा, इस पर इस समय सुनवाई करने से अव्यवस्था पैदा होगी
  • अदालत ने कहा, केंद्र सरकार को नीट-यूजी विवाद के बाद दोगुना सतर्क रहना चाहिए
UGC-NET Exam: सुप्रीम कोर्ट ने कथित रूप से प्रश्नपत्र लीक होने के बाद यूजीसी-नेट (राष्ट्रीय योग्यता परीक्षा) परीक्षा रद्द करने के सरकार के फैसले को चुनौती देने वाली कुछ परीक्षार्थियों की याचिका पर विचार करने से सोमवार को इनकार कर दिया। अदालत ने कहा कि इस पर इस समय सुनवाई करने से अव्यवस्था पैदा होगी। प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने कहा कि सरकार 21 अगस्त को नए सिरे से परीक्षा आयोजित कर रही है और छात्रों के मन में इस समय एक प्रकार की तसल्ली की भावना होनी चाहिए। परीक्षा में बैठने वाले छात्रों की संख्या करीब नौ लाख है।

याचिका पर सुनवाई से इनकार

प्रधान न्यायाधीश ने प्रवीण डबास और अन्य द्वारा दायर याचिका पर विचार करने से इनकार करते हुए कहा, सुप्रीम कोर्ट के इस कदम का गंभीर प्रभाव पड़ेगा और व्यापक रूप से अव्यवस्था पैदा हो जाएगी। पीठ ने जिक्र किया कि परीक्षा 18 जून को आयोजित की गई थी और इसके एक दिन बाद इसे रद्द कर दिया गया। प्रधान न्यायाधीश ने कहा, मौजूदा चरण में याचिका पर विचार करने से केवल अनिश्चितता बढ़ेगी और घोर अव्यवस्था पैदा होगी।

केंद्र सरकार को दोगुना सतर्क रहने की नसीहत

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को नीट-यूजी विवाद के बाद दोगुना सतर्क रहना चाहिए और इसी कारण इसे रद्द कर दिया गया। अब इस प्रक्रिया को चलने दें। इससे पहले भी, शीर्ष अदालत ने इस मुद्दे पर एक जनहित याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि यह एक वकील द्वारा दायर की गई थी, न कि पीड़ित परीक्षार्थियों द्वारा। प्रधान न्यायाधीश ने वकील से कहा था, आप (वकील) क्यों आए हैं? छात्रों को खुद यहां आने दीजिए। उन्होंने साथ ही कहा था कि इस जनहित याचिका को अस्वीकार करते हुए हम इसके गुण-दोष पर कुछ नहीं कहेंगे।
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