रहम की भीख नहीं...लाल किला अटैक के दोषी आतंकी आरिफ की फांसी तय, SC से खारिज हुआ रिव्यू पिटीशन

Red Fort Attack: आरिफ उन आतंकियों में से एक था, जिसने 22 दिसंबर, 2000 को लाल किले में घुसकर हमला किया था। इस दौरान आतंकियों ने अंधाधुंध फायरिंग की थी, जिसमें तीन की मौत हो गई थी। इसमें सेना के दो जवान भी शामिल थे। इसके बाद आरिफ को पकड़ लिया गया था।

red fort attack

लाल किले पर हमले के दोषी आतंकी की फांसी की सजा बरकरार

तस्वीर साभार : टाइम्स नाउ डिजिटल

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने लाल किले पर हमले (Red Fort Attack) के दोषी आतंकी की फांसी की सजा को बरकरार रखा है। लश्कर का आतंकी फांसी से बचने के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंचा था, जहां गुरुवार को उसकी याचिका खारिज हो गई।

लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादी मोहम्मद आरिफ उर्फ अशफाक को 2000 लाल किले हमले के मामले में फांसी की सजा सुनाई गई है। अपनी याचिका में आतंकी ने 2000 के लाल किला हमले के मामले में मौत की सजा देने के उसके फैसले पर पुनर्विचार करने की मांग की थी। इस हमले में सेना के दो जवान सहित तीन लोग मारे गए थे।

मुख्य न्यायधीश उदय उमेश ललित और न्यायमूर्ति बेला एम. त्रिवेदी की एक पीठ ने कहा कि उसने ‘इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड’ पर विचार करने के आवेदन को स्वीकार किया है। पीठ ने कहा- "हम उस आवेदन को स्वीकार करते हैं कि ‘इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड’ पर विचार किया जाना चाहिए। वह दोषी साबित हुआ है। हम इस अदालत द्वारा किए गए फैसले को बरकरार रखते हैं और पुनर्विचार याचिका खारिज करते हैं।"

22 दिसंबर 2000 को लाल किले पर हुए हमले में सेना के दो जवानों समेत तीन लोगों की मौत हो गई थी। 10 अगस्त, 2011 को सुप्रीम कोर्ट ने आरिफ की मौत की सजा को बरकरार रखा था। बता दें कि 2005 में एक सत्र अदालत द्वारा उसे मौत की सजा सुनाई गई था, जिसपर बाद में दिल्ली हाईकोर्ट ने भी मुहर लगा दी थी।

पाकिस्तान के एबटाबाद का आरिफ उन छह आतंकवादियों में से एक है, जिसने लाल किले पर हमला किया था। तब उसने लाल किले के अंदर घुसकर राजपूताना राइफल्स की सातवीं बटालियन के जवानों पर अंधाधुंध गोलियां चलाई थीं।

देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | देश (india News) की खबरों के लिए जुड़े रहे Timesnowhindi.com से | आज की ताजा खबरों (Latest Hindi News) के लिए Subscribe करें टाइम्स नाउ नवभारत YouTube चैनल

लेटेस्ट न्यूज

शिशुपाल कुमार author

पिछले 10 सालों से पत्रकारिता के क्षेत्र में काम करते हुए खोजी पत्रकारिता और डिजिटल मीडिया के क्षेत्र में एक अपनी समझ विकसित की है। जिसमें कई सीनियर सं...और देखें

End of Article

© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited