Promotion in Government Job: सुप्रीम कोर्ट की बड़ी टिप्पणी, सरकारी नौकरी में प्रमोशन कर्मचारी का अधिकार नहीं
Promotion in Government Job: सर्वोच्च अदालत ने फैसला सुनाते हुए कहा कि न्यायपालिका यह तय करने के लिए समीक्षा या आदेश जारी नहीं कर सकती कि सरकार द्वारा कर्मचारी के प्रमोशन के लिए अपनाई गई नीति उपयुक्त थी या नहीं, क्योंकि प्रमोशन देने के मानदंडों का संविधान में कहीं भी जिक्र नहीं है।
Promotion in Government Job: सुप्रीम कोर्ट ने सरकारी नौकरी में प्रमोशन को लेकर बड़ी टिप्पणी की है। सर्वोच्च न्यायालय ने कहा है कि सरकारी नौकरियों में प्रमोशन कर्मचारियों का अधिकार नहीं है और मानदंडों को तय करने के लिए सरकार और कार्यपालिका स्वतंत्र है। कोर्ट ने कहा है कि प्रमोशन देने के मानदंडों का संविधान में कहीं भी जिक्र नहीं है। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीट ने एक अहम सुनवाई के दौरान अपने फैसले में कहा कि भारत में कोई भी सरकारी कर्मचारी प्रमोशन को अपना अधिकार नहीं मान सकता है, क्योंकि संविधान में इसके लिए कोई मानदंड निर्धारित नहीं किया गया है।
अदालत ने फैसला सुनाते हुए कहा कि न्यायपालिका यह तय करने के लिए समीक्षा या आदेश जारी नहीं कर सकती कि सरकार द्वारा कर्मचारी के प्रमोशन के लिए अपनाई गई नीति उपयुक्त थी या नहीं। अदालत ने कहा, सरकार रोजगार की प्रकृति और उम्मीदवार के अपेक्षित कार्यों के आधार पर प्रमोशन के पदों पर रिक्तियों को भरने की विधि तय कर सकती है। बता दें, सर्वोच्च न्यायाल ने ये टिप्पणियां गुजरात में जिला न्यायाधीशों के चयन पर विवाद पर अपना फैसला सुनाते हुए की हैं।
योग्यता पर दिया जाए अधिक जोर
कोर्ट में सुनवाई के दौरान जस्टिस पादरीवाला ने कहा कि कर्मचारियों में यह आम धारणा होती है कि लंबे समय से काम कर रहे कर्मचारियों ने संस्था के प्रति वफादारी दिखाई है, इसलिए वे प्रमोशन के हकदार हैं। कोर्ट ने कहा कि जहां योग्यता और वरिष्ठता के सिद्धांत पर प्रमोशन देना तय है, वहां योग्यता पर अधिक जोर दिया जाना चाहिए।
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