दिल्ली में चीफ सेक्रेटरी की नियुक्ति पर 'आप' और 'केंद्र' में खींचतान, सुप्रीम कोर्ट ने सुझाया सुलह का रास्ता

Delhi Chief Secretary: सुप्रीम कोर्ट ने बीच का रास्ता सुझाते हुए कहा है कि दिल्ली में चीफ सेक्रेटरी की नियुक्ति के लिए केंद्र सरकार सक्षम अधिकारियों के नाम पैनल को सुझाए, जिसके बाद दिल्ली सरकार को उनमें से एक नाम मुख्य सचिव की नियुक्ति के लिए चुनना होगा।

Supreme Court

सुप्रीम कोर्ट

Delhi Chief Secretary: राजधानी दिल्ली में नए मुख्य सचिव की नियुक्ति को लेकर एक बार फिर से केंद्र और केजरीवाल सरकार आमने-सामने हैं। केजरीवाल जिस अधिकारी की नियुक्ति चाहते हैं, उस पर एलजी को आपत्ति है और एलजी के पसंदीदा अधिकारी केजरीवाल को पसंद नहीं हैं। ऐसे में यह विवाद तब सामने आया है, जब इसी महीने 30 नवंबर को दिल्ली के चीफे सेक्रेटरी नरेश कुमार रिटायर हो रहे हैं।

ऐसे में दिल्ली सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर मांग की गई है कि केंद्र दिल्ली सरकार की सहमति के बिना नए चीफ सक्रेटरी की नियुक्ति न करे और न ही नरेश कुमार को सेवा विस्तार दे। ऐसे में सु्प्रीम कोर्ट ने इस विवाद को सुलझाने के लिए बीच का रास्ता सुझाया है।

केंद्र सुझाए नाम, दिल्ली सरकार करे तय

सुप्रीम कोर्ट ने बीच का रास्ता सुझाते हुए कहा है कि दिल्ली में चीफ सेक्रेटरी की नियुक्ति के लिए केंद्र सरकार सक्षम अधिकारियों के नाम पैनल को सुझाए, जिसके बाद दिल्ली सरकार को उनमें से एक नाम मुख्य सचिव की नियुक्ति के लिए चुनना होगा। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में एक बात जरूर साफ की है कि केंद्र की ओर से सुझाए गए नाम सार्वजनिक नहीं होने चाहिए। ऐसा करने से उन अधिकारियों के करियर पर गलत प्रभाव पड़ेगा। अब केंद्र सरकार की ओर से मंगलवार तक कोर्ट के सामने अधिकारियों के नाम रखे जाने की उम्मीद है।

मुख्यमंत्री और उपराज्यपाल क्यों नहीं निकालते हल

वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में टिप्पणी करते हुए कहा कि विवाद को हल करने के लिए दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल बैठकर इसका हल क्यों नहीं निकालते हैं। कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 28 नवंबर की तारीख दी है। वहीं दिल्ली सरकार ने इस मामले में कहा है कि दिल्ली में चीफ सेक्रेटरी की नियुक्त हमेशा दिल्ली सरकार ही करती है। ऐसे में एलजी का यह एकतरफा फैसला है।

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प्रांजुल श्रीवास्तव author

मैं इस वक्त टाइम्स नाउ नवभारत से जुड़ा हुआ हूं। पत्रकारिता के 8 वर्षों के तजुर्बे में मुझे और मेरी भाषाई समझ को गढ़ने और तराशने में कई वरिष्ठ पत्रक...और देखें

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