सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला-अमान्य शादी से हुई संतान भी माता-पिता की जायदाद में हकदार

Supreme Court : मार्च 2011 में दो जजों की पीठ ने इन सारे सवालों को एक वृहद पीठ के पास भेज दिया। साल 2011 में ही कोर्ट ने कहा था कि 'मान्य एवं अमान्य' शादी से हुए बच्चे केवल अपने माता-पिता की जायदाद पर दावा कर सकते हैं, किसी और की संपत्ति पर नहीं।

सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला।

Supreme Court : सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को अपने एक फैसले में कहा कि अमान्य शादियों से पैदा हुए बच्चे भी अपने माता-पिता की जायदाद में हकदार हैं। शीर्ष अदालत ने यह फैसला साल 2011 से लंबित एक अर्जी पर सुनवाई करते हुए दिया। अमान्य विवाह से पैदा हुए बच्चों को माता-पिता की पैतृक संपत्ति में हिस्सेदारी की मांग को लेकर एक याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई थी।

सुप्रीम कोर्ट ने वकीलों की दलीलों को सुना

पिछले महीने प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचीड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला एवं जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने इस मामले पर कई वकीलों की दलीलों को सुना। साथ ही पीठ ने इस बात पर भी विचार किया कि क्या ऐसे बच्चे हिंदू विवाह अधिनियम की धारा 16 (3) के तहत केवल अपने माता-पिता की संपत्तियों में हक पाने के अधिकारी हैं? मार्च 2011 में दो जजों की पीठ ने इन सारे सवालों को एक वृहद पीठ के पास भेज दिया। साल 2011 में ही कोर्ट ने कहा था कि 'मान्य एवं अमान्य' शादी से हुए बच्चे केवल अपने माता-पिता की जायदाद पर दावा कर सकते हैं, किसी और की संपत्ति पर नहीं।

पूर्व के फैसलों से बेंच ने असहमति जताई

हालांकि, सुप्रीम कोर्ट की इस नई बेंच ने पूर्व के फैसलों से असहमति जताई है। कोर्ट के पूर्व के फैसलों में कहा गया कि ऐसे बच्चे अपने पूर्वजों की संपत्तियों में हक पाने के अधिकारी नहीं होंगे।

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