CEC और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति से जुड़ी याचिका पर 15 मार्च को सुनवाई करेगा Supreme Court, कांग्रेस नेता ने दाखिल की थी अर्जी

Election Commissioner: मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति के खिलाफ दाखिल की गई याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई के लिए सहमत हो गया है। सुप्रीम कोर्ट इस मामले में 15 मार्च को सुनवाई करेगा। बता दें कि कांग्रेस नेता जया ठाकुर ने मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ती को लेकर उच्चतम न्यायालय का रुख किया था।

Supreme court

सुप्रीम कोर्ट 15 मार्च को करेगा नए मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति के मामले में सुनवाई

Election Commissioner: सुप्रीम कोर्ट मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति को लेकर जल्द ही इस मामले में सुनवाई को तैयार हो गया है। अब इस मामले में सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार यानी की 15 मार्च को सुनवाई करेगा। बता दें कि ADR के वकील प्रशांत भूषण ने कोर्ट से जल्द सुनवाई करने की मांग की थी। इस मांग के बाद जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा कि CJI से उनको सूचना मिली है कि मामले पर सुनवाई शुक्रवार को होनी है।
कोर्ट में दाखिल की गई याचिका में सरकार को नए अधिनियम के अनुसार मुख्य चुनाव आयुक्त और EC को नियुक्त करने से रोकने की मांग की गई थी। याचिका में सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ के फैसले के अनुसार चुनाव आयोग के सदस्य की नियुक्ति के निर्देश देने की भी मांग की गई है। इस याचिका में अपनी पसंद के सेवारत नौकरशाहों को CEC और EC के रूप में नियुक्त करने की केंद्र की वर्तमान प्रणाली पर भी सवाल उठाए गए हैं।

कांग्रेस नेता ने दाखिल की थी याचिका

कांग्रेस नेता जया ठाकुर ने मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ती के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। उन्होंने अपनी याचिका में CEC अधिनियम, 2023 के प्रावधानों को चुनौती दी थी। याचिका में उन्होंने सीईसी अधिनियम, 2023 की धारा 7 और 8 के तहत मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति पर रोक लगाने की मांग की है।
कांग्रेस नेता जया ठाकुर ने अपनी याचिका में न्यायालय को बताया कि उनकी याचिका पर सुनवाई लंबित रहने के दौरान निर्वाचन आयोग के एक सदस्य अरुण गोयल ने नौ मार्च 2024 को इस्तीफा दे दिया, जिसे राष्ट्रपति ने मंजूरी दे दी है। उन्होंने कहा कि उनकी याचिका पर 12 जनवरी को एक नोटिस जारी किया गया था। याचिका में कहा गया है कि तथ्यों के मद्देनजर लोकसभा चुनाव 2024 के लिए तारीखों की घोषणा जल्द ही की जा सकती है इसलिए नए निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्ति की तत्काल आवश्यकता है, जिसके लिए इस अदालत ने नियुक्ति प्रक्रिया के बारे में ‘अनूप बरनवाल बनाम केंद्र सरकार’ (दो मार्च 2023 के फैसले) मामले में स्पष्ट निर्णय दिया है। इसमें कहा गया है कि इसलिए इस अदालत से अनूप बरनवाल बनाम केंद्र सरकार के मामले में पारित फैसले के अनुसार प्रतिवादियों को भारत के निर्वाचन आयोग के सदस्यों की तत्काल नियुक्ति करने का निर्देश देने का अनुरोध किया जाता है।

उच्चतम न्यायालय की अवमानना करने का आरोप

नए कानून के अनुसार, ‘राष्ट्रपति एक चयन समिति की सिफारिश पर मुख्य निर्वाचन आयुक्त और अन्य निर्वाचन आयुक्तों को नियुक्त करेंगे। इस समिति में प्रधानमंत्री (अध्यक्ष), लोकसभा में विपक्ष के नेता (सदस्य) और प्रधानमंत्री द्वारा नामित एक केंद्रीय मंत्री (सदस्य) होंगे।’ विपक्ष ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार पर चयन समिति से भारत के प्रधान न्यायाधीश को हटाकर उच्चतम न्यायालय की अवमानना करने का आरोप लगाया है। उच्चतम न्यायालय ने मार्च 2023 में दिए अपने आदेश में कहा था कि प्रधानमंत्री, लोकसभा में विपक्ष के नेता और प्रधान न्यायाधीश की एक समिति मुख्य निर्वाचन आयुक्त और निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्ति करेगी।
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Shashank Shekhar Mishra author

शशांक शेखर मिश्रा टाइम्स नाउ नवभारत डिजिटल (www.timesnowhindi.com/ में बतौर कॉपी एडिटर काम कर रहे हैं। इन्हें पत्रकारिता में करीब 5 वर्षों का अनुभव ह...और देखें

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