Name Plate Controversy: कांवड़ यात्रा नेमप्लेट विवाद में सुप्रीम कोर्ट का लिखित आदेश आया सामने, जानिए सरकार को फटकार लगाते हुए अदालत ने क्या-क्या कहा

Kanwar Yatra Name Plate Controversy: सुप्रीम कोर्ट ने लिखित आदेश में कहा है कि कांवड़ियों को शाकाहारी भोजन मिले और हाइजीन स्टैण्डर्ड भी कायम रहे, अथॉरिटीज ये सुनिश्चित कर सकती हैं। खाने-पीने का समान बेचने वाले (ढाबा, रेस्टोरेंट, फल- सब्जी विक्रेताओं, फेरी वाले) ये बता सकते हैं कि वो कांवड़ियों को किस प्रकार का भोजन परोस रहे हैं। वह शाकाहारी है या मांसाहारी।

कांवड़ यात्रा के लिए नेमप्लेट वाला विवाद पर सुप्रीम कोर्ट।

Kanwar Yatra Name Plate Controversy: कांवड यात्रा नेमप्लेट विवाद पर उत्तर प्रदेश सरकार को तगड़ा झटका लगने के बाद सुप्रीम कोर्ट का लिखित आदेश सामने आया है। अदालत ने अपने आदेश में साफ कहा है कि सरकार या पुलिस दुकान मालिकों या फिर उनके ययां काम करने वालों के नाम/ पहचान उजागर करने के लिए बाध्य नहीं कर सकती। बता दें, योगी सरकार ने कांवड़ यात्रा मार्ग पर दुकान मालिकों को नाम लिखे जाने का आदेश दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने इस आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी। इस मामले में अगली सुनवाई शुक्रवार को होगी।
सुप्रीम कोर्ट ने लिखित आदेश में कहा है कि कांवड़ियों को शाकाहारी भोजन मिले और हाइजीन स्टैण्डर्ड भी कायम रहे, अथॉरिटीज ये सुनिश्चित कर सकती हैं। इसको लेकर सक्षम अथॉरिटी फ़ूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड एक्ट 2006 और स्ट्रीट वेंडर एक्ट 2014 के तहत आदेश भी जारी कर सकती हैं, लेकिन सक्षम अथॉरिटी के पास जो पावर है, उस अधिकार को बिना किसी क़ानूनी आधार के पुलिस हथिया नहीं सकती। यानि ऐसे केस में पुलिस को एक्शन लेने का कोई कानूनी आधार नहीं है।

कैसा खाना परोस रहे, ये बता सकते हैं दुकान मालिक

सुप्रीम कोर्ट ने कहा, खाने-पीने का समान बेचने वाले (ढाबा, रेस्टोरेंट, फल- सब्जी विक्रेताओं, फेरी वाले) ये बता सकते हैं कि वो कांवड़ियों को किस प्रकार का भोजन परोस रहे हैं। वह शाकाहारी है या मांसाहारी। लेकिन उन्हें दुकान मालिकों या फिर उनके यहां काम करने वालों के नाम/ पहचान उजागर करने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता।
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