सारे गिले-शिकवे भूल जाएंगे अजित पवार? जानें सुप्रिया सुले ने चचेरे भाई के बारे में ऐसा क्या कह दिया

Ajit Pawar Vs Supriya Sule: अजित पवार ने हाल ही में अपने चाचा शरद पवार को गच्चा दिया और उनकी पार्टी एनसीपी तोड़ दी। अब उनकी चचेरी बहन ने उनके प्रति नरम रुख अख्तियार कर लिया है। सुप्रिया सुले ने अपनी सफाई पेश करते हुए कहा है कि अजित दादा के खिलाफ कभी कुछ नहीं बोला। आखिर उनके इस बयान के क्या मायने हैं?

सुप्रिया सुले बोलीं, अजित दादा के खिलाफ कभी कुछ नहीं बोला।

Maharashtra Politics News: वो कहते हैं न सियासत में कोई किसी का सगा नहीं होता, बेवफाई ही राजनीति की सबसे मजबूत सीढ़ी है। हाल ही में अजित पवार ने अपने चाचा की पार्टी एनसीपी को दो टुकड़ों में बांट दिया, भतीजे ने जिस तरह अपने चाचा को गच्चा दिया, वो देखकर अच्छे-अच्छों के पैरों तले जमीन खिसक गई। अजित पवार के इस बगावत की वजह काफी अहम थी। अजित का कद पार्टी में कम होता जा रहा था, उनके बाद सियासत में आई उनकी चचेरी बहन और शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले को काफी तवज्जो दी जाने लगी। लंबे वक्त से ये लड़ाई चल रही थी, इसी बीच भतीजे ने चाचा को ऐसा झटका दिया कि हर किसी की सिट्टी-पिट्टी गुम हो गई।

सुप्रिया सुले बोलीं, अजित दादा के खिलाफ कभी कुछ नहीं बोला

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) की कार्यकारी अध्यक्ष सुप्रिया सुले ने शनिवार को कहा कि उन्होंने राजनीतिक रूप से अलग हो चुके अपने चचेरे भाई अजित पवार के खिलाफ कभी कुछ नहीं कहा है। कस्बा गणपति पंडाल में भगवान गणेश की पूजा करने के बाद बारामती लोकसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाली सुले ने यहां पत्रकारों से कहा, 'मैं भगवान से कभी कुछ नहीं मांगती, मैं केवल उन्हें धन्यवाद देती हूं। इस साल राज्य में कम बारिश हुई है, इसलिए मैंने भगवान से प्रार्थना की कि महाराष्ट्र में अच्छी बारिश हो।' संसद में “भाई ” का जिक्र करते हुए उनके हाल के भाषण के बारे में पूछे जाने पर, सुले ने कहा, 'अजित दादा मेरे बड़े भाई हैं और मैंने उनके खिलाफ कभी कुछ नहीं बोला है। मैंने संसद में जो कुछ भी कहा, वह किसी व्यक्ति के खिलाफ नहीं, बल्कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह द्वारा दिए गए बयानों के खिलाफ है।'

बहन सुप्रिया सुले की इस बात से क्या मान जाएंगे अजित पवार?

भतीजे की बगावत के बाद कई बार शरद पवार और अजित पवार की मुलाकात हो चुकी है, अब वो महाराष्ट्र सरकार में भाजपा के साथ गठबंधन में हैं और उन्हें डिप्टी सीएम बनाया गया है। सुप्रिया सुले के नरम रवैये का असर क्या अजित पवार को पिघला देगा? इसके बारे में कुछ भी कह पाना फिलहाल मुश्किल है। राकांपा को जुलाई में उस समय झटका लगा था, जब अजित पवार के नेतृत्व में पार्टी नेताओं का एक समूह अलग हो गया था और महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे सरकार में शामिल हो गया था। सुले अपने पिता एवं पार्टी संस्थापक शरद पवार के साथ बनी हुई हैं। महिला आरक्षण विधेयक पर संसद में सुले ने कहा था, 'हर घर में ऐसे भाई नहीं होते हैं, जो बहन का कल्याण देखते हैं।' उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पिछले 10 वर्ष से उनकी पार्टी की आलोचना करते रहे हैं, लेकिन अब वह यह नहीं कहते कि राकांपा 'स्वाभाविक रूप से भ्रष्ट पार्टी' है।

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