PAK में घुस जब India ने की थी Surgical Strike, आतंकी लॉन्च पैड्स कर दिए थे नेस्तनाबूद
Indian Surgical Strike 2016 on Pakistan: वैसे, भारत में साल 2016 के पहले भी कई सर्जिकल स्ट्राइक्स की गईं। पर सरकार ने इसे पहली बार सार्वजनिक तौर पर स्वीकारा था और उस पर विस्तृत प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए जानकारी भी दी थी। साथ ही पाकिस्तान (डीजीएमओ) को इस बारे में सरकार की ओर से खबर की गई थी।
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Indian Surgical Strike 2016 on Pakistan : 29 सितंबर 2016...यह सिर्फ तारीख या मौका नहीं था। इतिहास में यह दिन हिंदुस्तान (India) के लिए बेहद खास रहा। भारत ने पाकिस्तान (Pakistan) की सीमा में घुस कर वहां आतंकी लॉन्च पैड्स (शिविरों) को नेस्तनाबूद कर दिया था। इसी के साथ देश की सेना का यह साहसिक कदम इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गया। भारत (Indian Army) ने जहां इस अभियान को सफल तरीके से अंजाम देने का दावा किया, वहीं पाकिस्तान (Pakistan Army) ने ऐसी किसी भी कार्रवाई से साफ इन्कार कर दिया था।
दरअसल, जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) के उरी (Uri) सेक्टर में नियंत्रण रेखा (LoC) के पास भारतीय सेना के स्थानीय मुख्यालय पर आतंकवादी हमले में 18 जवान शहीद हो गए थे। इसे सेना पर सबसे बड़े हमलों में से एक माना गया था। 18 सितंबर 2016 को हुए उरी हमले (Uri Attack) में सीमा पार बैठे आतंकवादियों का हाथ बताया गया। भारत ने इस हमले का बदला लेने के लिए 29 सितंबर को पाकिस्तान के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दिया था। आइए, जानते हैं इस सर्जिक स्ट्राइक से जुड़ी रोचक बातें:
जिस जगह सर्जिकल स्ट्राइक हुई थी, वहां दोनों तरफ (भारत और पाकिस्तान) कुछ-कुछ दूरी पर सेना के चेक प्वॉइंट्स हैं। यह विश्व के सर्वाधिक सैनिक जमावड़े वाला क्षेत्र कहा जाता है। मिलिट्री कंट्रोल इतना टाइट है कि सैन्य निगरानी के बगैर वहां पत्रकारों को भी आसपास नहीं रहने दिया जाता है।
भारत ने दो जगहों - बागसर और तत्ता पानी - पर सर्जिकल स्ट्राइक करने का दावा किया था। हमले में पाकिस्तान और वहां के कितने आतंकियों को नुकसान हुआ? आज तक इस पर कोई ठोस सरकारी डेटा नहीं है। हालांकि, सूत्रों के हवाले से मीडिया बताती रही कि करीब 300 आतंकी वहां मारे गए थे।
यह भी कहा गया था जिस वक्त यह स्ट्राइक की गई थी, उस दौरान वहां स्थित मदरसे में तरकीबन 200 मोबाइल फोन्स थे। इन्हें ही ट्रेस करते हुए अटैक किया गया था। वैसे, कुछ समय बाद जब कई पत्रकार घटनास्थल पर गए थे तो वहां बच्चे पढ़ते मिले थे और उन जर्नलिस्ट्स ने जो रिपोर्ट्स की थीं, उनमें इस बात का जिक्र किया था कि वहां हमले के बाद नुकसान के संकेत नहीं मिले।
कुछ रिपोर्ट्स में चश्मदीद के हवाले से कहा गया था कि कुछ ब्लास्ट्स की आवाजें आई थीं। इस बीच, एक स्थानीय के चोट भी लगी थी। कहा गया था कि बम नजदीक के जंगल में गिरे थे। स्ट्राइक के बाद भारत ने कुछ तस्वीरें मीडिया को दिखाई गई थीं, जिनमें इमारतों की छतें टूटी-फूटी नजर आ रही थीं।
वैसे, भारत में साल 2016 के पहले भी कई सर्जिकल स्ट्राइक्स की गईं। पर सरकार ने इसे पहली बार सार्वजनिक तौर पर स्वीकारा था और उस पर विस्तृत प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए जानकारी भी दी थी। साथ ही पाकिस्तान (डीजीएमओ) को इस बारे में सरकार की ओर से खबर की गई थी।
क्या होती है Surgical Strike?
सर्जिकल स्ट्राइक खास किस्म का सैन्य हमला या ऑपरेशन होता है। डिफेंस एक्सपर्ट्स के मुताबिक, इसे इतनी बारीकी और सावधानी से अंजाम दिया जाता है, ताकि आसपास की चीजों को नुकसान न पहुंचे। इंटेलिंजेंस के आधार पर इसमें नैरो टारगेट (तय या किसी विशेष) पर हमला बोला जाता है। यह आर्टिलरी, कमांडर और ड्रोन के जरिए भी किया जा सकता है।
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Abhishek Gupta author
छोटे शहर से, पर सपने बड़े-बड़े. किस्सागो ऐसे जो कहने-बताने और सुनाने को बेताब. कंटेंट क्रिएशन के साथ...और देखें
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