जब सुषमा स्वराज ने संस्कृत में दिया भाषण, शंकराचार्य भी रह गए थे 'भौचक्के'

Sushma Swaraj News: सुषमा स्वराज की अद्भुत शैली और बेबाक अंदाज का हर कोई कायल था। एक कार्यक्रम में जब सुषमा स्वराज संस्कृत के मायने समझा रही थीं, तो वहां मौजूद शंकराचार्य और सदी के महानायक के नाम से मशहूर अमिताभ बच्चन भी सुषमा को बोलता देख भौचक्के रह गए।

सुषमा स्वराज को संस्कृत से क्यों इतना अधिक लगाव था? (तस्वीर- Twitter)

Sushma Swaraj Sanskrit Speech: भारतीय राजनीति में सुषमा स्वराज ने ऐसे आयाम स्थापित किए जिसका आज भी हर कोई मुरीद है। बेहद शानदार और बेबाक होने के साथ-साथ सुषमा स्वराज संजीदा व्यक्तित्व की मालकिन भी थीं। उनकी शैली का हर कोई कायल था, जब वो बोलना शुरू करती थी, तो हर कोई बस सुनता ही रह जाता था। संस्कृत से सुषमा जी का काफी अधिक लगाव था।

सुषमा स्वराज की संस्कृत सुनकर भौचक्के रह गए शंकराचार्य!

साल 2012 की बात है, जब 15वें श्री चन्द्रशेखरेन्द्र सरस्वती राष्ट्रीय उत्कृष्टता पुरस्कार तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष सुषमा स्वराज पहुंची थी। उन्होंने इस कार्यक्रम में अपने भाषण के दौरान संस्कृत का महत्व बताया था तो अमिताभ बच्चन चौंक उठे। इतना ही नहीं जब संस्कृत भाषा में सुषमा स्वराज ने मंत्रोच्चारण किए और श्लोक पढ़े, तो वहां मौजूद शंकराचार्य भी भौचक्के रह गए थे।

संस्कृत विश्व की सबसे वैज्ञानिक भाषा है- सुषमा स्वराज

सुषमा स्वराज ने इस सभा में कहा कि 'शायद बहुत कम लोगों को इस बात का ज्ञान हो कि संस्कृत विश्व की सबसे वैज्ञानिक भाषा है। जब दुनिया में टॉकिंग कम्प्यूटर बनाने की बात चली, तो प्रश्न उठा कि कौन सी भाषा उसके लिए चुनी जाए। क्योंकि कम्प्यूटर का अपना कोई विवेक नहीं होता है। जो आप बुनते हैं, वहीं वो लिखता है। जो लिखा जाता दिया जाता है उसको वो पढ़ता है। भाषा व्याकरण की दृष्टि और ध्वनि की दृष्टि से वैज्ञानिक होनी चाहिए। जो बोला जाए, वही वो पढ़े। आज गर्व से माथा ऊंचा करके ये कह सकती हूं कि विश्व की तमाम भाषाओं की समीक्षा करने के बाद जिस भाषा को उपयुक्त पाया गया वो संस्कृत है।' ऐसे कई मौके आए हैं जब ये समझा गया हो कि सुषमा स्वराज का संस्कृत से गहरा नाता था। आखिर इसकी क्या वजह थी, आपको समझाते हैं।

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