स्वाति मालीवाल मारपीट: बिभव कुमार को फिर झटका, गिरफ्तारी के खिलाफ याचिका हाई कोर्ट में खारिज
बिभव कुमार के खिलाफ 16 मई को भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया था। इसमें आपराधिक धमकी, महिला पर हमला या उसे निर्वस्त्र करने के इरादे से आपराधिक बल का प्रयोग और गैर इरादतन हत्या का प्रयास शामिल है।
बिभव कुमार
Bibhav Kumar Case: दिल्ली उच्च न्यायालय ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के करीबी सहयोगी बिभव कुमार की उस याचिका को शुक्रवार को खारिज कर दिया जिसमें उन्होंने आम आदमी पार्टी सांसद स्वाति मालीवाल पर मुख्यमंत्री आवास पर कथित हमले के सिलसिले में अपनी गिरफ्तारी को चुनौती दी थी। न्यायमूर्ति नीना बंसल कृष्णा ने कहा, याचिका खारिज की जाती है। बिभव कुमार अभी न्यायिक हिरासत में हैं। आरोप हैं कि उन्होंने 13 मई को केजरीवाल के सरकारी आवास पर मालीवाल पर हमला किया था। उन्हें 18 मई को गिरफ्तार किया गया था।
बिभव कुमार की दलील
बिभव कुमार ने याचिका में अपनी गिरफ्तारी को अवैध और दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 41ए (पुलिस अधिकारी के समक्ष उपस्थित होने का नोटिस) के प्रावधानों का घोर उल्लंघन और कानून के विरुद्ध घोषित करने का निर्देश देने का अनुरोध किया था। दिल्ली पुलिस ने याचिका का विरोध किया था और कहा कि बिभव कुमार को जल्दबाजी में गिरफ्तार नहीं किया गया था, उन्हें कानून के अनुसार हिरासत में लिया गया था।
बिभव कुमार के खिलाफ 16 मई को भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी, जिसमें आपराधिक धमकी, महिला पर हमला या उसे निर्वस्त्र करने के इरादे से आपराधिक बल का प्रयोग और गैर इरादतन हत्या का प्रयास शामिल है। बिभव कुमार की जमानत याचिका निचली अदालत और उच्च न्यायालय द्वारा खारिज की जा चुकी हैं और अब यह सुप्रीम कोर्ट में लंबित है।
सुप्रीम कोर्ट ने भी दिखाई थी सख्ती
इससे पहले स्वाति मालीवाल के साथ मारपीट के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने भी मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सहयोगी बिभव कुमार पर तीखा रुख दिखाया था। अदालत ने बिभव के वकील से तीखे सवाल पूछे थे। बिभव कुमार की जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट कहा था कि क्या मुख्यमंत्री आवास निजी बंगला है? क्या इस तरह के ‘गुंडे’ को मुख्यमंत्री आवास में काम करना चाहिए।
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