बुरी फंसी स्वाति मालीवाल! DCW नियुक्ति मामले में हाईकोर्ट ने खारिज की याचिका, 223 कर्मचारी हो चुके हैं बर्खास्त

दिल्ली हाईकोर्ट ने उस याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें स्वाति मालीवाल ने एक मामले में अपने खिलाफ आरोप पत्र दायर करने को गलत बताया था। दिल्ली महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष स्वाति मालीवाल कुछ नियुक्तियों को लेकर सवालों के घेरे में हैं।

swati maliwal dcw case

दिल्ली हाईकोर्ट में स्वाति मालीवाल की याचिका खारिज

मुख्य बातें
  • DCW नियुक्ति मामले में स्वाति मालीवाल की याचिका खारिज
  • स्वाति मालीवाल पर अवैध तरीके से नौकरी देने का है आरोप
  • 223 कर्मचारी हो चुके हैं बर्खास्त
दिल्ली महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष और वर्तमान में राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल एक मामले में बुरी तरह फंसती दिख रही हैं। दरअसल दिल्ली महिला आयोग में उनके कार्यकाल के दौरान कुछ नियुक्तियां हुईं थीं, इन्हीं नियुक्तियों में गड़बड़झाले का आरोप लगा और मामला दर्ज हुआ। इसी केस को लेकर स्वाति मालीवाल दिल्ली हाईकोर्ट पहुंची, जहां उनकी याचिका खारिज हो गई है। इसी गड़बड़झाले के कारण एलजी ने 223 कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया था।

मामले में अबतक क्या-क्या हुआ

मालीवाल पर दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) की अध्यक्ष रहने के दौरान इस संस्था में विभिन्न पदों पर आम आदमी पार्टी (आप) से जुड़े लोगों की नियुक्ति में पद के कथित दुरूपयोग का आरोप है। न्यायमूर्ति अमित महाजन ने मालीवाल के विरुद्ध अभ्यारोपण संबंधी आदेश को खारिज करने से इनकार कर दिया। इस संबंध में विस्तृत आदेश की प्रतीक्षा है। आठ दिसंबर, 2022 को अधीनस्थ अदालत ने मालीवाल एवं तीन अन्य के खिलाफ संबंधित प्रावधानों के तहत अभ्यारोपण का आदेश दिया था। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने डीसीडब्ल्यू की पूर्व अध्यक्ष एवं पूर्व भाजपा विधायक बरखा शुक्ला सिंह की शिकायत पर यह मामला दर्ज किया था। उच्च न्यायालय ने इस आपराधिक मामले में मालीवाल के विरूद्ध अधीनस्थ अदालत की कार्यवाही पर पिछले साल स्थगन लगा दिया था।

क्या है मामला

अभियोजन पक्ष के अनुसार आरोपियों ने आपस में साजिश करते हुए अपने पद का दुरुपयोग किया और आप कार्यकर्ताओं हेतु आर्थिक लाभ प्राप्त किया, जिन्हें उचित प्रक्रिया का पालन किए बिना डीसीडब्ल्यू में विभिन्न पदों पर नियुक्त किया गया। उसने कहा है कि ये नियुक्तियां प्रक्रियाओं, नियमों, विनियमों का उल्लंघन करते हुए की गईं, यहां तक कि सामान्य वित्त नियमों (जीएफआर) और अन्य दिशानिर्देशों का उल्लंघन करते हुए पदों के लिए विज्ञापन भी जारी नहीं किया और ऐसे व्यक्तियों को पारिश्रमिक/वेतन/मानदेय के रूप में धनराशि दी गयी। अभियोजन पक्ष का कहना है कि छह अगस्त, 2015 से एक अगस्त, 2016 तक डीसीडब्ल्यू में 90 नियुक्तियां की गयीं। उनमें 71 लोग अनुबंध आधार पर नियुक्त किये गये तथा 16 लोगों को संकट कालीन हेल्पलाइन ‘डायल 181’ में नौकरी दी गयी। उसने कहा है कि नियुक्तियां पाने वाले बाकी तीन लोगों का कोई रिकार्ड नहीं मिला।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | देश (india News) और बजट 2024 (Union Budget 2024) की ताजा समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से |

लेटेस्ट न्यूज

शिशुपाल कुमार author

पिछले 10 सालों से पत्रकारिता के क्षेत्र में काम करते हुए खोजी पत्रकारिता और डिजिटल मीडिया के क्षेत्र में एक अपनी समझ विकसित की है। जिसमें कई सीनियर सं...और देखें

End of Article

© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited