जान की परवाह किए बगैर आतंकियों से सीधे भिड़ गए आदिल शाह, बंदूक छीनने की कोशिश में गंवाई जान

Pahalgam Terror Attack: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादियों ने जब निहत्थे पर्यटकों को निशाना बनाते हुए अंधाधुंध गोलीबारी की। इस दौरान एक स्थानीय शख्श जान की परवाह किए बगैर आतंकवादियों से सीधे भिड़ गया। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने आतंकी हमले में मारे गए सैयद आदिल हुसैन शाह को अंतिम श्रद्धांजलि दी।

Kashmir Protest

पहलगाम में आतंकी हमला

Pahalgam Terror Attack: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादियों ने जब निहत्थे पर्यटकों को निशाना बनाते हुए अंधाधुंध गोलीबारी की। इस दौरान एक स्थानीय शख्श जान की परवाह किए बगैर आतंकवादियों से सीधे भिड़ गया और दो-दो हाथ किया। दरअसल, हम जिस शख्श की बात कर रहे हैं वह खतरनाक बैसरन घाटी में टट्टू की सवारी का काम करते थे और पर्यटकों को बैसरन घाटी की खूबसूरती से रूबरू कराते थे।

आतंकियों से भिड़ने वाला जांबाज़

आतंकियों को सीधे चुनौती देने वाला सैयद आदिल हुसैन शाह स्थानीय नागरिक था, लेकिन वह आतंकवादियों की बंदूक छीनने की कोशिश में मारा गया। नाम पूछकर गोली चलाने वाले आतंकियों ने आदिल शाह को भी नहीं बख्शा और उन्होंने आदिल शाह पर गोलियां दाग दीं।

CM अब्दुल्ला ने जताया दुख

मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने आतंकी हमले में मारे गए सैयद आदिल हुसैन शाह को अंतिम श्रद्धांजलि दी। इसके बाद उन्होंने मीडियाकर्मियों के साथ बातचीत में आतंकी हमले की निंदा की और पीड़ित लोगों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की। साथ ही उन्होंने कहा कि मैंने सुना है उसने (आदिल) हमले को रोकने की कोशिश की और शायद बंदूक छीनने की भी कोशिश की।

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'आदिल शाह के परिवार संग खड़ी है सरकार'

समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, उमर अब्दुल्ला ने पीड़ितों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि हमारे मेहमान छुट्टियां मनाने के लिए आए थे। दुर्भाग्य से उन्हें ताबूतों में वापस घर भेजा गया... जैसा मैंने सुना है कि उसने (आदिल) हमले को रोकने की कोशिश की और शायद बंदूक छीनने की भी कोशिश की और तभी उसे निशाना बनाया गया। हमें इस परिवार का ख्याल रखना है, हमें उनकी मदद करनी है और मैं उन्हें यह आश्वासन देने के लिए यहां हूं कि सरकार उनके साथ खड़ी है और हम उनके लिए जो कुछ भी कर सकते हैं, करेंगे।

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परिजनों पर टूटा दुखों का पहाड़

सैयद आदिल हुसैन शाह के पिता ने बताया कि मेरा बेटा काम करने के लिए पहलगाम गया था। हमें करीब 3 बजे हमले के बारे में पता चला तो हमने उसे फोन किया, लेकिन उसका फोन बंद था। हालांकि, 4:40 बजे उसका फोन चालू हुआ, पर कोई जवाब नहीं दे रहा था। हम पुलिस स्टेशन गए तब हमें पता चला कि वह हमले में घायल हो गया था।

रो-रोकर मां का बुरा हाल

आदिल शाह की मां का रो-रोकर हाल बुरा है। भावुक मां ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया कि आदिल परिवार में कमाने वाला एकमात्र व्यक्ति था। अब हमें देखने वाला कोई नहीं है। दरअसल, आदिल शाह पर्यटकों को टट्टू में बिठाकर घाटी की सैर कराता था और मां-बाप का सहारा था।

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अनुराग गुप्ता author

टाइम्स नाउ नवभारत डिजिटल में बतौर सीनियर कॉपी एडिटर काम कर रहे हैं। खबरों की पड़ताल करना इनकी आदतों में शुमार हैं और यह टाइम्स नाउ नवभारत की वेबसाइट क...और देखें

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