सीनियर IAS टी. वी. सोमनाथन कैबिनेट सचिव नियुक्त, PM के बने दायां हाथ; समझें पद की क्या हैं शक्तियां

सीनियर आईएएस टी. वी. सोमनाथन को अगले दो वर्ष के कार्यकाल के लिए कैबिनेट सचिव नियुक्त किया गया है। वह राजीव गौबा की जगह लेंगे।

T V Somanathan New Cabinet Secretary of India

टी. वी. सोमनाथन

दिल्ली: सीनियर आईएएस टी. वी. सोमनाथन को अगले दो वर्ष के कार्यकाल के लिए कैबिनेट सचिव नियुक्त किया गया है। स्वामीनथन तमिलनाडु कैडर के 1887 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। 2021 से टी स्वामीनथन वित्त सचिव का कार्यभार देख रहे हैं। लेकिन, अब वे प्रधानमंत्री को विभिन्न मुद्दों पर अपनी सलाह देते नजर आएंगे। अब उनका काम देश में बड़े संकट की परिस्थितियों के दौरान प्रबंधन करना और गंभीर स्थिति में विभिन्न मंत्रालयों की गतिविधियों का समन्वय करना होगा। अभी तक राजीव गौबा कैबिनेट सचिव के रूप में कार्यभार संभाल रहे थे, लेकिन, उन्हें दूसरा एक्सटेंशन नहीं दिया गया है। राजीव 1982 बैच झारखंड कैडर के अधिकारी हैं।

दो साल संभालंगे सबसे ताकतवर पद

तमिलनाडु कैडर के 1987 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारी सोमनाथन वर्तमान में केंद्रीय वित्त सचिव और व्यय सचिव के रूप में कार्यरत हैं। एक आधिकारिक आदेश में कहा गया है कि मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति ने टी वी सोमनाथन, आईएएस को 30.08.2024 से दो साल के कार्यकाल के लिए कैबिनेट सचिव के रूप में नियुक्त करने को मंजूरी दे दी है।

आदेश में कहा गया है कि मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति ने टी वी सोमनाथन, आईएएस की कैबिनेट सचिवालय में विशेष कार्य अधिकारी के रूप में नियुक्ति को भी मंजूरी दे दी है, जो उनके कार्यभार ग्रहण करने की तिथि से लेकर कैबिनेट सचिव के रूप में कार्य करने तक लागू रहेगा। गौबा ने पांच साल पहले 30 अगस्त 2019 को कैबिनेट सचिव का पदभार संभाला था।

पीएम का दायां अंग होंगे कैबिनेट सचिव

कैबिनेट सचिव दिल्ली के रायसीना पहाड़ियों पर स्थित साउथ ब्लॉक के कैबिनेट सचिवालय (Cabinet Secretariat) में बैठता है। इसका कार्यालय प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) से महज 200 मीटर पर है। कैबिनेट सचिवालय सरकार के सबसे शक्तिशाली अंग के तौर पर काम करता है। कुल मिलाकर कैबिनेट सचिव भारत सरकार का सबसे ताकतवर नौकरशाह और पीएम का दायां हाथ माना जाता है। वह प्रधानमंत्री को विभिन्न मुद्दों पर अपनी राय देता है।

कैसे बना कैबिनेट सचिव का पद

आजादी से पहले वायसराय की कार्यकारी परिषद में एक सचिवालय हुआ करता था, जिसका नेतृत्व वायसराय का निजी सचिव करता था। उस वक्त सचिवालय की भूमिका केवल कार्यकारी परिषद से संबंधित कार्रवाई की देखभाल करने के लिए थी, लेकिन जब परिषद के तहत अलग-अलग विभागों में काम का बोझ बढ़ गया तो सचिवालय का काम काफी मुश्किल और जटिल हो गया। लिहाजा, निजी सचिव को सचिवालय का सचिव कहा जाने लगा गया। यह पद समय के साथ और अधिक शक्तिशाली होता गया और सचिवालय की मुख्य भूमिका विभागों के कार्यों समन्वय करना बन गई। 1946 में वही सचिवालय कैबिनेट सचिवालय बन गया और वहीं से कैबिनेट सचिव का पद भी अस्तित्व में आया।

कैबिनेट सचिव के काम

कैबिनेट सचिव का काम देश में बड़े संकट की परिस्थितियों का प्रबंधन करना और ऐसी गंभीर स्थिति में विभिन्न मंत्रालयों की गतिविधियों का समन्वय करना भी कैबिनेट सचिवालय के कार्यों में से एक है। साथ ही कैबिनेट सचिवालय यह सुनिश्चित करता है कि राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और मंत्रियों को उनकी गतिविधियों के मासिक ब्रीफिंग के जरिए सभी विभागों की प्रमुख गतिविधियों के बारे में सूचित किया जाता रहे। कैबिनेट सचिवालय के तीन विंग शामिल हैं, नागरिक, सैन्य और खूफिया, जिसमें सिविल विंग सबसे मुख्य शाखा है, जो केंद्रीय मंत्रिमंडल को सहायता, सलाह प्रदान करना है। इतना ही नहीं रॉ के प्रमुख भी कैबिनेट सचिव को अपनी रिपोर्ट सौंपते हैं।

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Pushpendra kumar author

पुष्पेंद्र यादव यूपी के फतेहुपुर जिले से ताल्लुक रखते हैं। बचपन एक छोटे से गांव में बीता और शिक्षा-दीक्षा भी उसी परिवेश के साथ आगे बढ़ी। साल 2016 स...और देखें

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