भारत से दोस्ती के लिए बेताब तालिबान! किया बड़ा दावा, कहा- दिल्ली में फिर खुलेगा दूतावास

Taliban: तालिबान ने सत्ता में आने के बाद भारत स्थित राजनयिक मिशनों पर पूरा कंट्रोल ले लिया है और वह भारत में फिर से अपने दूतावास को खोलना चाहता है। उप विदेश मंत्री शेर मोहम्मद अब्बास स्टेनकजई ने कहा कि नई दिल्ली में दूतावास पिछले सप्ताह बंद हो गया था, लेकिन यह कुछ दिनों में फिर से शुरू हो जाएगा।

Afghan embassy in Delhi

अफगानिस्तानी दूतावास

Taliban: अफगानिस्तान में अमेरिका समर्थित अशरफ गनी की सरकार को खदेड़ने के बाद मुल्क में तालिबान अपनी जड़ें मजबूत कर चुका है। हालांकि, तालिबान को अभी तक किसी देश ने आधिकारिक मान्यता नहीं दी है। इस बीच खबर आई है कि अफगानिस्तान की तालिबान सरकार भारत से करीबी बढ़ाने के लिए बेताब है। यह खबर ऐसे समय में आई है, जब पिछले सप्ताह नई दिल्ली स्थिति अफगानी दूतावास बंद कर दिया गया था।

अब सामने आया है कि तालिबान ने सत्ता में आने के बाद भारत स्थित राजनयिक मिशनों पर पूरा कंट्रोल ले लिया है और वह भारत में फिर से अपने दूतावास को खोलना चाहता है। मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक, एक इंटरव्यू में तालिबान के उप विदेश मंत्री शेर मोहम्मद अब्बास स्टेनकजई ने दावा किया है कि भारत के मुंबई और हैदराबाद में हमारे वाणिज्य दूतावास काम कर रहे हैं और विदेश मंत्रालय के संपर्क में हैं। इस दौरान उन्होंने कहा कि नई दिल्ली में दूतावास पिछले सप्ताह बंद हो गया था, लेकिन यह कुछ दिनों में फिर से शुरू हो जाएगा।

गनी सरकार ने नियुक्त किए थे राजनयिक

बता दें, अफगानिस्तान में तालिबान का कब्जा होने से पहले गनी सरकार ने अफगानिस्तानी दूतावास में राजदूत फरीद मामुंदजई को नियुक्त किया था।

तब से वे राजदूत के रूप में ही काम कर रहे हैं। मामुंदजई ने ब्लूमबर्ग को बताया कि तालिबान के सत्ता में आने के बाद दर्जनों अफगान राजनयिकों ने भारत छोड़ दिया है और जो अभी भी काम कर रहे हैं वे अफगानिस्तानी विदेश मंत्रालय के संपर्क में हैं।

मामुंदजई भी इस्तीफा देकर जा चुके हैं लंदन

वहीं, राजदूत फरीद मामुंदजई भी अपने पद से इस्तीफा देकर कई महीने पहले लंदन जा चुके हैं। उन्होंने कहा, भारत ने सक्रिय रूप से राजनयिकों को तालिबान सरकार के साथ जुड़ने के लिए प्रोत्साहित किया है, जो काबुल से सीधे समर्थन प्राप्त लोगों के लिए सपोर्ट दिखा रहे हैं। बता दें, इस मामले में विदेश मंत्रालय की ओर से कोई टिप्पणी नहीं आई है।

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