आखिर तमिलनाडु के सीएम क्यों चाहते हैं कि दिल्ली में पटाखे फूटे...? स्टालिन ने केजरीवाल को लिखा खत
दिल्ली के मुख्यमंत्री से पटाखों की बिक्री पर पूरी तरह से प्रतिबंध नहीं लगाने का आग्रह करने वाले अपने पत्र को याद दिलाते हुए स्टालिन ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने भी दो घंटे के लिए पटाखे फोड़ने की अनुमति दी थी। इसलिए कानून के दायरे में रहकर पटाखे की बिक्री करने का आदेश दें। पूरी तरह से बैन न लगाएं।
स्टालिन ने केजरीवाल को लिखा खत (फोटो- फेसबुक)
तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पटाखों पर पूरी तरह से बैन नहीं लगाने की अपील की है। स्टालिन ने कहा कि वो सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के अनुसार राजधानी में पटाखे बेचने की अनुमति दें। वर्तमान में दिल्ली में पटाखे बेचने, उत्पान करने और इस्तेमाल करने पर पूरी तरह से रोक लगी हुई है।
स्टालिन चाहते हैं कि दिल्लीवासी दिवाली के दिन पटाखे फोड़े, जिससे तमिलनाडु को आर्थिक फायदा हो सके। उन्होंने लिखा- "जब किसी अन्य राज्य ने पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध नहीं लगाया है, तो दिल्ली में क्योंं? आपका फैसला शिवकाशी के आसपास के लाखों लोगों के जीवन को रोशन करेगा, विशेष रूप से ग्रामीण महिलाएं जो आजीविका के लिए इस उद्योग पर निर्भर हैं क्योंकि दिवाली उनके वार्षिक कारोबार का 70% हिस्सा है।"
स्टालिन ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने दिवाली के दिन दो घंटे के लिए पटाखे फोड़ने की अनुमति दी थी। उन्होंने वाहनों और औद्योगिक उत्सर्जन सहित भारतीय शहरों में वायु प्रदूषण के लिए कई योगदान कारकों का हवाला देते हुए कहा- "उत्सव के निशान के रूप में पटाखे फोड़ना एक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वीकृत अभ्यास है, यहां तक कि अत्यधिक पर्यावरणीय रूप से सक्रिय देशों में भी।"
स्टालिन ने जोर देकर कहा है कि दिल्ली में पटाखों की बिक्री पर से प्रतिबंध हटाया जाना चाहिए, क्योंकि इससे तमिलनाडु के उस वर्ग को काफी हानि होगी, जिनकी आय का मुख्य स्त्रोत ही दिवाली के पटाखे हैं।
बता दें कि दिल्ली में 1 जनवरी 2023 तक पटाखों की बिक्री से लेकर इस्तेमाल और उत्पादन तक पर बैन लगा हुआ है। हाल भी में भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी, लेकिन उन्हें वहां हार ही मिली। दिल्ली में फिलहाल पटाखे फोड़ने और बेचने पर बैन लगा हुआ है, इसी को हटाने के लिए स्टालिन ने केजरीवाल को खत लिखा है।
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