बांग्लादेश में लागू हो सकता है शरिया कानून, लेखिका तसलीमा नसरीन का दावा, खत्म हो जाएंगे महिलाओं के अधिकार

Taslima Nasrin : बांग्लादेश की मशहूर लेखिका एवं एक्टिविस्ट तसलीमा नसरीन ने दावा किया है कि कट्टरपंथी तत्व उनके देश में शरिया ला लागू कर सकते हैं। शरिया लॉ लागू होने के बाद महिलाओं के अधिकार खत्म हो जाएंगे। बता दें कि बांग्लादेश में तसलीमा के खिलाफ फतवा जारी है।

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तसलीमा नसरीन बीते कई साल से भारत में हैं।

मुख्य बातें
  • नसरीन ने बांग्लादेश में शरिया कानून लागू होने की आशंका जताई है
  • लेखिका का कहना है कि इसका सबसे बुरा असर महिलाओं पर पड़ेगा
  • फतवा जारी होने के बाद भारत में रहती हैं बांग्लादेश की लेखिका तसलीमा
Taslima Nasrin : बांग्लादेश की मशहूर लेखिका एवं एक्टिविस्ट तसलीमा नसरीन ने दावा किया है कि कट्टरपंथी तत्व उनके देश में शरिया कानून लागू कर सकते हैं। शरिया लॉ लागू होने के बाद महिलाओं के अधिकार खत्म हो जाएंगे। बता दें कि बांग्लादेश में तसलीमा के खिलाफ फतवा जारी है। कट्टरपंथियों से बचने के लिए वह भारत आ गईं। उन्होंने बीते कई वर्षों से भारत में शरण ली हुई है। लेखिका ने यह आशंका 'द न्यू इंडियन एक्सप्रेस' के साथ बातचीत में जाहिर की है।

कट्टरपंथी तत्वों का प्रभाव बढ़ा- तसलीमा

तसलीमा को लगता है कि तख्तापलट होने के बाद बांग्लादेश की व्यवस्ता में चरमपंथी और कट्टरपंथी तत्वों का प्रभाव बढ़ रहा है। लेखिका को आशंका है कि आने वाले कुछ दिनों में बांग्लादेश में शरिया कानून लागू हो सकता है और इसका सबसे अधिक खामियाजा महिलाओं को भुगतना पड़ेगा, उनके अधिकार खत्म हो सकते हैं।

'महिलाओं पर सबसे ज्यादा असर'

बांग्लदेश के ताजा हालात के बारे में नसरीन ने कहा कि वहां जो कुछ हो रहा है, उसका सबसे बुरा प्रभाव महिलाओं पर पड़ेगा। समाज में कट्टरपंथी तत्व हावी होंगे और वे महिलाओं के अधिकार छीन लेंगे। महिलाओं पर तरह-तरह की पाबंदियां थोप दी जाएंगी और शरिया कानून के तहत उन्हें नियंत्रित किया जाएगा। पहनावे को लेकर बांग्लादेश के विश्वविद्यालयों में पहले से ही फरमान जारी होने लगे हैं।

ड्रेस कोड पर आने लगे फरमान

तसलीमा ने कहा कि शेख हसीना के सत्ता से बाहर होने के बाद इसका असर दिखने लगा है। विश्वविद्यालयों में लड़कियों से ड्रेस कोड का पालन करने के लिए कहा जा रहा है। ड्रेस कोड के रूप में हिजाब, नकाब, बुर्का पहनने के लिए कहा जा रहा है। बांग्लादेश में शरिया कानून यदि लागू हो जाता है तो महिलाओं के पास कोई अधिकार नहीं होगा।

अभिव्यक्ति की आजादी पर भी खतरा

लेखिका को आशंका है कि उनके देश में अभिव्यक्ति की आजादी भी खतरे में पड़ जाएगी। नसरीन का कहना है कि समाज में असहिष्णुता बढ़ रही है। अभिव्यक्ति की आजादी पर पहरा लग गया है। मानवाधिकारों के उल्लंघन हो रहे हैं। हिज्ब उत तरहरीर, जमात ए इस्लामी और कट्टरपंथी छात्रों दिन पर दिन ताकतवर हो रहे हैं। हसीना की सरकार में ये दोनों आतंकवादी संगठन थे। ब्लॉगर्स और लेखकों की हत्या के आरोप में इन संगठनों के कई सदस्यों की सजा हुई। अब ये खुलेआम घूम रहे हैं।
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आलोक कुमार राव author

करीब 20 सालों से पत्रकारिता के पेशे में काम करते हुए प्रिंट, एजेंसी, टेलीविजन, डिजिटल के अनुभव ने समाचारों की एक अंतर्दृष्टि और समझ विकसित की है। इ...और देखें

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