टाटा समूह संभाल सकता है जमशेदपुर का प्रशासन, सरकार ने दी इंडस्ट्रियल टाउनशिप की मंजूरी
Jamshedpur Industrial Township: जमशेदपुर औद्योगिक नगरी समिति का गठन किया जायेगा, जो 27 सदस्यीय होगी। इसमें राज्य सरकार के छह, टाटा स्टील के 11, जबकि 10 स्थानीय शहरी प्रतिनिधि शामिल होंगे।
टाटा समूह संभाल सकता है जमशेदपुर का प्रशासन
Jamshedpur Industrial Township: झारखंड सरकार ने जमशेदपुर को औद्योगिक टाउनशिप में बदलने की मंजूरी दे दी है। इसके साथ ही जमशेदपुर को लेकर कानूनी संकट भी दूर होने के संकेत मिले हैं, जिसके बाद 1.69 मिलियन की आबादी वाले शहर का प्रशासनिक नियंत्रण आखिरकार टाटा समूह के पास जा सकता है। जानकारी के मुताबिक, झारखंड सरकार ने भारतीय संविधान के विशेष प्रावधानों के तहत जमशेदपुर को इंडस्ट्रियल टाउनशिप में बदलने की अनुमति दे दी है, हालांकि, टाटा समूह को केंद्र सरकार से अंतिम मंजूरी मिलने का इंतजार है।
सरकार की योजना के मुताबिक, जमशेदपुर टाउनशिप के कार्यों के संचालन के लिए जमशेदपुर औद्योगिक नगरी समिति का गठन किया जायेगा, जो 27 सदस्यीय होगी। इसमें राज्य सरकार के छह, टाटा स्टील के 11, जबकि 10 स्थानीय शहरी प्रतिनिधि शामिल होंगे। यह समिति शहर में विकास के कार्य को स्वीकृति देगी और उसकी निगरानी करेगी।
म्यून्सिपल काउंसिल में शामिल होंगे टाटा समूह के प्रतिनिधि
इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में दाखिल पांच साल पुरानी जनहित याचिका पर जनवरी तक फैसला आने की उम्मीद है। मामले की जानकारी रखने वालों के मुताबिक, नामित नगरपालिका परिषद का गठन किया जा सकता है, जिसमें टाटा स्टील के प्रतिनिधियों, सरकारी नामितियों और स्थानीय लोगों को शामिल करते हुए एक नगरपालिका परिषद को नामित किया जा सकता है।
टाटा को नागरिक सुविधाएं दिए जाने का हो रहा विरोध
इन सबके बावजूद स्थानीय लोग टाटा द्वारा जमशेदपुर की नागरिक सुविधाओं की जिम्मेदारी लेने का भी विरोध कर रहे हैं। वे स्थानीय शासन की निगरानी के लिए नगर निगम जैसी एक निर्वाचित संस्था की मांग कर रहे हैं। लाइव मिंट के अनुसार, शीर्ष अदालत में जनहित याचिका दायर करने वाले जमशेदपुर निवासी जवाहरलाल शर्मा का कहना है कि मौजूदा प्रस्ताव का लक्ष्य टाटा के लिए ग्रेटर जमशेदपुर क्षेत्र को छोड़कर केवल विशिष्ट डाक क्षेत्रों पर दावा करना है। उन्होंने कहा कि स्थानीय शासन के लिए महत्वपूर्ण नगर निकाय, टाटा के कथित नियंत्रण के कारण चुनावी पहुंच से परे है।
क्या है विवाद ?
दरअसल, विवाद इस बात को लेकर है कि क्या टाटा समूह नगर पालिका जैसी नागरिक सुविधाएं प्रदान करने वाले के रूप में कार्य कर सकता है। भारतीय संविधान के तहत, प्रत्येक कस्बे, शहर और गांव में नगर निगम या पंचायत के रूप में एक स्थानीय सरकार होनी चाहिए। हालांकि, संविधान में एक विशेष प्रावधान भी है जो सरकार को किसी शहर/कस्बे को औद्योगिक टाउनशिप के रूप में अधिसूचित करने की शक्ति देता है। इन प्रावधानों के तहत, औद्योगिक प्रतिष्ठान (कंपनी) को सरकार द्वारा नगर पालिका के रूप में कार्य करने के लिए प्रभारी बनाया जा सकता है। राज्य सरकार के लिए मुख्य चिंता यह है कि ऐसी टाउनशिप के निर्माण से क्षेत्र को विकास के लिए मिलने वाले केंद्रीय धन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।
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