'आतंकवाद मानवता पर सबसे बड़ा खतरा, आतंकियों के लिए टूलिकट बन गया है इंटरनेट', UNSC की बैठक में बोले विदेश मंत्री

S Jaishankar: विदेश मंत्री ने कहा कि आतंकवादी समूहों, उनके वैचारिक अनुयायियों और अकेले हमला करने वाले लोगों ने इन नयी प्रौद्योगिकियों तक पहुंच हासिल करके अपनी क्षमताएं बढ़ा ली हैं। जयशंकर ने स्पष्ट तौर पर पाकिस्तान के संदर्भ में ये भी कहा कि संयुक्त राष्ट्र की आतंकवाद रोधी प्रतिबंध व्यवस्था उन देशों को आगाह करने के लिए प्रभावी है, जिन्होंने आतंकवाद को राज्य द्वारा वित्त पोषित उद्यम बना लिया है।

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विदेश मंत्री एस जयशंकर।

मुख्य बातें
  1. UNSC की बैठक में बोले विदेश मंत्री
  2. आतंकवाद मानवता के लिए सबसे गंभीर खतरों में से एक- जयशंकर
  3. आतंकियों के लिए टूलिकट बन गया है इंटरनेट- जयशंकर

S Jaishankar: दिल्ली में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (United Nations Security Council) की आतंकवाद निरोधक समिति की विशेष बैठक को संबोधित करते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शनिवार को कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत के मौजूदा कार्यकाल के दौरान आतंकवाद (Terrorism) से निपटना शीर्ष प्राथमिकताओं में शुमार है। विदेश मंत्री ने कहा कि आतंकवाद मानवता के लिए अब भी सबसे गंभीर खतरों में से एक है। उन्होंने कहा किसंयुक्त राष्ट्र के प्रयासों के बावजूद आतंकवाद का खतरा बढ़ रहा है, खासतौर पर एशिया और अफ्रीका में, जैसा कि संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्टों से पता चला है।

आतंकवाद मानवता के लिए अब भी सबसे गंभीर खतरों में से एक- एस जयशंकर

विदेश मंत्री ने कहा कि आतंकवादी समूहों, उनके वैचारिक अनुयायियों और अकेले हमला करने वाले लोगों ने इन नयी प्रौद्योगिकियों तक पहुंच हासिल करके अपनी क्षमताएं बढ़ा ली हैं। जयशंकर ने स्पष्ट तौर पर पाकिस्तान के संदर्भ में ये भी कहा कि संयुक्त राष्ट्र की आतंकवाद रोधी प्रतिबंध व्यवस्था उन देशों को आगाह करने के लिए प्रभावी है, जिन्होंने आतंकवाद को राज्य द्वारा वित्त पोषित उद्यम बना लिया है।

विदेश मंत्री ने आतंकवाद का मुकाबला करने में भारत की प्रतिबद्धता दोहराई

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सभी 15 सदस्य देशों के प्रतिनिधि दिल्ली में हो रही इस बैठक के दूसरे दिन के सत्र में भाग ले रहे हैं। पहले दिन का सत्र मुंबई में आयोजित किया गया था। आतंकवाद का मुकाबला करने में भारत की प्रतिबद्धता दोहराते हुए विदेश मंत्री ने ये भी एलान किया कि नई दिल्ली इस साल संयुक्त राष्ट्र ट्रस्ट फंड फॉर काउंटर-टेरररिज्म में पांच लाख डॉलर का स्वैच्छिक योगदान देगा।

जयशंकर ने कहा कि पिछले दो दशकों में तकनीकी नवाचार दुनिया के काम करने के तरीके में परिवर्तनकारी रहे हैं और वर्चुअल निजी नेटवर्क तथा एन्क्रिप्टेड मैसेजिंग सेवाओं से लेकर आभासी मुद्राओं तक नयी एवं उभरती प्रौद्योगिकियां आर्थिक और सामाजिक लाभों के लिए एक आशाजनक भविष्य की पेशकश कर रही हैं। उन्होंने कहा कि हालांकि जब बात आतंकवाद से संबंधित हो तो सिक्के का दूसरा पहलू भी सामने आता है।

जयशंकर ने कहा कि इन नयी प्रौद्योगिकियों ने असामाजिक तत्वों द्वारा दुरुपयोग के लिहाज से कमजोर होने के कारण सरकारों तथा नियामक संस्थाओं के लिए नयी चुनौतियां पैदा की है। उन्होंने कहा कि हाल के वर्षों में खासतौर से खुले और उदार समाज में आतंकवादी समूहों, उनके वैचारिक अनुयायियों और अकेले हमला करने वाले लोगों ने इन प्रौद्योगिकियों तक पहुंच हासिल करके अपनी क्षमताएं बढ़ा ली हैं।

उन्होंने कहा कि वे आजादी, सहिष्णुता और प्रगति पर हमला करने के लिए प्रौद्योगिकी और पैसा तथा सबसे जरूरी खुले समाज के लोकाचार का इस्तेमाल करते हैं। उन्होंने कहा कि इंटरनेट और सोशल मीडिया मंच समाज को अस्थिर करने के मकसद से दुष्प्रचार, कट्टरपंथ फैलाने तथा साजिश रचने के लिए आतंकवादियों और आतंकवादी समूहों की टूलकिट में प्रभावशाली उपकरण बनकर उभरे हैं। (इनपुट- भाषा के साथ)

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