जम्मू-कश्मीर में एलओसी पर आतंकी ढेर, इस बीच 10 कश्मीरी पंडितों ने घाटी छोड़ी

Jammu and Kashmir Terrorist Killed: पिछले 8 साल में 1633 आतंकवादी मारे गए हैं। इस दौरान सबसे ज्यादा आतंकवादी साल 2017 और 2018 में मारे गए हैं। साल 2017 में जहां 220 आतंकवादी मारे गए थे। वहीं 2018 में 271 आतंकवादी मारे गए। पिछले कुछ समय आतंकियों के निशाने पर कश्मीर पंडित समुदाय के लोग हैं।

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जम्मू और कश्मीर में आतंकी ढेर

मुख्य बातें
  • कश्मीर के शोपियां जिले के 10 कश्मीरी पंडित परिवारअपने घर छोड़कर जम्मू आ गए हैं।
  • बीतें 15 अक्टूबर को कश्मीरी पंडित पूरन कृष्ण भट की आतंकियों ने हत्या कर दी थी।
  • कुपवाड़ा जिले में एलओसी पर सुरक्षा बलों ने एक विदेशी आतंकवादी को मार गिराया है।
Jammu and Kashmir Terrorist Killed:सुरक्षाबलों ने जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा जिले में नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर आतंकवादी घुसपैठ की कोशिश को बुधवार को नाकाम करते हुए एक विदेशी आतंकवादी को मार गिराया। अधिकारियों के अनुसार एलओसी पर करनाह सेक्टर के सुदपोरा में सुरक्षाबलों और आतंकवादियों के बीच मुठभेड़ शुरू हुई और बाद गोलीबारी में एक विदेशी आतंकवादी मारा गया। इस बीच दक्षिण कश्मीर के शोपियां जिले के 10 कश्मीरी पंडित परिवार डर और तनाव के कारण अपने घर छोड़कर जम्मू आ गए हैं। कश्मीरी पंडितों को आतंकवादियों द्वारा निशाना बनाए जाने के बाद, इन 10 परिवारों ने यह कदम उठाया है।
निशाने पर हैं कश्मीरी पंडित
कश्मीर में आतंकवादियों द्वारा कश्मीरी पंडितों को निशाना बनाकर हमले करने की वारदातें हाल-फिलहाल में काफी बढ़ गई हैं। बीतें 15 अक्टूबर को कश्मीरी पंडित पूरन कृष्ण भट की शोपियां जिले के चौधरीगुंड गांव में उनके पुश्तैनी घर के बाहर आतंकवादियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। वहीं, शोपियां जिले में 18 अक्टूबर को आतंकवादियों द्वारा किए गए ग्रेनेड हमले में मोनीश कुमार और राम सागर मारे गए थे। चौधरीगुंड के एक निवासी ने पीटीआई-भाषा से बताया कि 10 कश्मीरी पंडित परिवार यानी समुदाय के 35 से 40 लोग डर और तनाव के कारण गांव छोड़कर जा चुके हैं।उन्होंने कहा कि गांव अब खाली हो गया है।
एक अन्य ग्रामीण के अनुसार कश्मीर घाटी में स्थिति हमारे लिए रहने लायक नहीं बची है। लगातार हो रही हत्याओं के कारण हम डर में जी रहे हैं। हमारे लिए कोई सुरक्षा व्यवस्था नहीं की गई है। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि बार-बार सुरक्षा मुहैया कराने की गुहार लगाने के बावजूद उनके गांव से बेहद दूर एक पुलिस चौकी बनाई गई है। उन्होंने कहा कि वे सेब की फसल सहित अपना सब कुछ घरों में छोड़ आए हैं।जम्मू पहुंचे ये लोग अभी अपने रिश्तेदारों के यहां रह रहे हैं।
इस साल 160 आतंकी मारे गए
इस साल अगस्त तक 160 आतंकी मारे गए हैं। वहीं पिछले 8 साल में 1633 आतंकवादी मारे गए हैं। इस दौरान सबसे ज्यादा आतंकवादी साल 2017 और 2018 में मारे गए हैं। साल 2017 में जहां 220 आतंकवादी मारे गए थे। वहीं 2018 में 271 आतंकवादी मारे गए।
साल
मारे गए आतंकवादी
2014114
2015115
2016165
2017220
2018271
2019163
2020232
2021193
2022160 (अगस्त)
स्रोत: SATP
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