Mann Ki Baat: पीएम मोदी की बातें सुनकर गदगद हुईं रामपुर की महिलाएं, खुलकर की तारीफ-Video

PM Modi Mann Ki Baat: मन की बात कार्यक्रम के 102वें एपिसोड का प्रसारण हुआ, इस प्रोग्राम को लेकर रामपुर में खास आयोजन किया गया था जिसमें मुस्लिम महिलाओं की खासी भागीदारी रही।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रेडियो कार्यक्रम मन की बात का प्रसारण हर महीने के आखिरी रविवार को सुबह 11 बजे किया जाता है। इस बार इस कार्यक्रम का प्रसारण पीएम मोदी के अमेरिका दौरे के कारण एक सप्ताह पहले ही किया गया। पीएम मोदी के मन की बात कार्यक्रम के 102वें एपिसोड का हुआ प्रसारण, इस प्रोग्राम को लेकर रामपुर में खास आयोजन किया गया था।

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इस दौरान कई मुस्लिम महिलाओं ने पीएम मोदी के मन की बात प्रोग्राम को पहली बार सुना, इन महिलाओं ने प्रोग्राम के बाद पीएम मोदी की तारीफ भी की।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, मैं जब भारत के सामान्य मानवी के प्रयास, उनकी मेहनत, उनकी इच्छाशक्ति को देखता हूं, तो खुद अपने आप अभिभूत हो जाता हूं। बड़े से बड़ा लक्ष्य हो कठिन-से-कठिन चुनौती हो, भारत के लोगों का सामूहिक बल, सामूहिक शक्ति, हर चुनौती का हल निकाल देता है।

मन की बात में पीएम मोदी ने कहा, नदी, नहर, सरोवर, ये केवल जल-स्त्रोत ही नहीं होते हैं, बल्कि इनसे, जीवन के रंग और भावनाएं भी जुड़ी होती हैं। ऐसा ही एक दृश्य अभी कुछ ही दिन पहले महाराष्ट्र में देखने को मिला। उन्होंने कहा, जब प्रबंधन की बात हो रही है, तो मैं आज छत्रपति शिवाजी महाराज को भी याद करूंगा। छत्रपति शिवाजी महाराज की वीरता के साथ ही उनकी Governance और उनके प्रबंध कौशल से भी बहुत कुछ सीखने को मिलता है। पीएम मोदी ने कहा, इस महीने की शुरुआत में ही छत्रपति शिवाजी महाराज के राज्याभिषेक के 350 वर्ष पूरे हुए हैं। इस अवसर को एक बड़े पर्व के रूप में मनाया जा रहा है | इस दौरान महाराष्ट्र के रायगढ़ किले में इससे जुड़े भव्य कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। यह हम सबका कर्तव्य है कि इस अवसर पर हम छत्रपति शिवाजी महाराज के प्रबंध कौशल को जानें, उनसे सीखें। इससे हमारे भीतर, हमारी विरासत पर गर्व का बोध भी जगेगा, और भविष्य के लिए कर्तव्यों की प्रेरणा भी मिलेगी।

खिलाड़ी जितना खेलेंगे, उतना खिलेंगे

पीएम मोदी ने कहा, इसी महीने खेल जगत से भारत के लिए कई बड़ी खुशखबरी आई है। यही हमारे युवाओं की असली ताकत है। ऐसे कितने ही खेल और प्रतियोगिताएं हैं, जहां आज भारत पहली बार अपनी मौजूदगी दर्ज करवा रहा है। उन्होंने कहा, इंटरनेशनल आयोजनों में देश की इस सफलता के पीछे राष्ट्रीय स्तर पर हमारे खिलाड़ियों की कड़ी मेहनत होती है। आज, देश के अलग-अलग राज्यों में एक नए उत्साह के साथ खेलों के आयोजन होते हैं। उन्होंने कहा, अभी उत्तर प्रदेश में खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स का आयोजन हुआ। इसमें युवाओं में खूब उत्साह और जोश देखने को मिला। इन खेलों में हमारे युवाओं ने ग्यारह रिकॉर्ड तोड़े हैं। हमारे खिलाड़ी जितना खेलेंगे, उतना ही खिलेंगे |

21 जून, योग से जुड़ने बेहतरीन मौका

21 जून यानी योग दिवस को पीएम मोदी ने मन की बात में शामिल किया। उन्होंने कहा, इस वर्ष योग दिवस की थीम है – Yoga For Vasudhaiva Kutumbakam यानि ‘एक विश्व-एक परिवार’ के रूप में सबके कल्याण के लिए योग। यह योग की उस भावना को व्यक्त करता है, जो सबको जोड़ने वाली और साथ लेकर चलने वाली है। उन्होंने कहा, सोशल मीडिया पर भी, योग दिवस को लेकर गजब का उत्साह दिख रहा है। मेरा सभी से आग्रह है कि योग को अपने जीवन में जरुर अपनाएं, इसे अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाएं। अगर अब भी आप योग से नहीं जुड़े हैं तो आने वाली 21 जून, इस संकल्प के लिए बहुत बेहतरीन मौका है।

रथयात्रा की पूरी दुनिया में विशिष्ट पहचान

पीएम मोदी ने कहा, 20 जून को ऐतिहासिक रथयात्रा का दिन है। रथयात्रा की पूरी दुनिया में एक विशिष्ट पहचान है। इन रथयात्राओं में जिस तरह देश भर के हर समाज, हर वर्ग के लोग उमड़ते हैं वो अपने आपमें बहुत अनुकरणीय है। ये आस्था के साथ ही ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ का भी प्रतिबिम्ब होती है। मेरी कामना है, भगवान जगन्नाथ सभी देशवासियों को अच्छे स्वास्थ्य और सुख-समृद्धि का आशीर्वाद प्रदान करें। "

इमरजेंसी, भारत के इतिहास का काला दौर

पीएम मोदी ने कहा, भारत लोकतंत्र की जननी है। हम अपने लोकतांत्रिक आदर्शों को सर्वोपरि मानते हैं, अपने संविधान को सर्वोपरि मानते हैं। इसलिए, हम 25 जून को भी कभी भुला नहीं सकते। यह वही दिन है जब हमारे देश पर इमरजेंसी थोपी गई थी। यह भारत के इतिहास का काला दौर था। लाखों लोगों ने इमरजेंसी का पूरी ताकत से विरोध किया था। लोकतंत्र के समर्थकों पर उस दौरान इतना अत्याचार किया गया, इतनी यातनाएं दी गईं कि आज भी मन सिहर उठता है। उन्होंने कहा, आज जब हम आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं, तो देश की आजादी को खतरे में डालने वाले ऐसे अपराधों का भी जरुर अवलोकन करें। इससे आज की युवा पीढ़ी को लोकतंत्र के मायने और उसकी अहमियत समझने में और ज्यादा आसानी होगी।

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